कभी दिलों पर राज करने वाला बॉलीवुड सिनेमा आज क्यों ढूंढ रहा है अपना खोया हुआ जादू? रचनात्मकता की सूख, सितारों की फीकी चमक और दर्शकों से टूटे कनेक्शन की ये कसक कब थमेगी...
Read Moreकभी दिलों पर राज करने वाला बॉलीवुड सिनेमा आज क्यों ढूंढ रहा है अपना खोया हुआ जादू? रचनात्मकता की सूख, सितारों की फीकी चमक और दर्शकों से टूटे कनेक्शन की ये कसक कब थमेगी...
Read Moreपिछले तीन दशकों में भारत अग्रणी मेडिकल मंडी के रूप में उभरा है। निजी क्षेत्र के हॉस्पिटल और नर्सिंग होम की कुकुरमुत्तई बढ़त ने सुविधाएं तो निश्चित बढ़ाईं हैं, लेकिन अविश्वास और शोषण के लिए भी काफी ख्याति अर्जित की है। पूरे देश में ही स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क है। हाल के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को इसके लिए खूब खरी खोटी सुनाई।
Read Moreआज के युग में जब पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ रही हैं तब इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन, इलेक्ट्रिक वाहनों में स्थापित बैटरी की सीमाएं अभी भी एक बड़ी चुनौती हैं। क्या हम 'स्टेपनी बैटरी' के रूप में एक नई व्यवस्था नहीं बना सकते। इससे इलेक्ट्रिक वाहन सभी के लिए आकर्षक और प्राथमिकता बन सकेंगे? कल्पना कीजिए, जब इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी खत्म हो जाए, तो चालक आसानी से एक ताजा, पूर्ण चार्ज बैटरी लगा सके। यह व्यवस्था न केवल यात्रा के अनुभव को सुगम बनाएगी, बल्कि इसे ज्यादा सुविधाजनक और आकर्षक भी बनाएगी।
Read Moreपरिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है। लेकिन, देश की सत्ता पर आसीन दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा पिछले करीब 11 साल से एक ही ढर्रे पर चल रही है। कम से कम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब एक बड़े परिवर्तन की दरकार है...
Read Moreभारत की व्यावसायिक परंपरा कोई आधुनिक आविष्कार नहीं है, बल्कि सदियों पुरानी एक जीवंत सभ्यता और सुस्थापित परंपरा है। यह स्थिरता, अडिग सामाजिक जिम्मेदारी और उच्च नैतिक मूल्यों की मजबूत नींव पर टिकी है। हमारे देश में व्यापार को कभी भी केवल लाभ कमाने का संकीर्ण साधन नहीं माना गया, बल्कि इसे एक व्यापक सामाजिक प्रतिबद्धता के रूप में देखा गया।
Read Moreभारतीय मीडिया की वर्तमान स्थिति बेहद रोचक है और चिंताजनक भी। यह एक ऐसा समय है जब मीडिया अपने मौलिक लक्ष्यों से भटका हुआ प्रतीत होता है। माना जा रहा है कि मुख्यधारा मीडिया पश्चिमी संस्कृति से पोषित और प्रेरित होता हुआ आम भारतीयों से कटता जा रहा है। साथ ही, निम्न-गुणवत्ता, उपभोक्तावादी और अश्लील सामग्री को बढ़ावा दे रहा है।
Read Moreजब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नागपुर में आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया, तो क्या उन्होंने सितंबर में 75 वर्ष की आयु के बाद पद छोड़ने का फैसला करने पर उत्तराधिकार योजना पर चर्चा की? मोदी के बाद कौन? यह सवाल कई राज्यों की राजधानियों के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक कि विपक्ष भी किसी बड़े बदलाव का इंतजार कर रहा है...
Read Moreकल्पना कीजिए कि आप खिड़की के पास रामेश्वरम-तांबरम की नई रेल सेवा में बैठे हैं। नमकीन हवा आपके चेहरे को छू रही है, और आप केवल समुद्र का अंतहीन विस्तार देख रहे हैं। जैसे ही लहरें आपको मदहोशी में ले जाने लगती हैं, एक आश्चर्यजनक स्टील संरचना दिखाई देती है, जैसा कि आप फिल्मों में देखते हैं। यह है नया पम्बन ब्रिज, और यह भारत द्वारा पहले कभी बनाए गए किसी भी पुल से अलग है।
Read Moreएक समय था जब गांवों की शांत सुबह से लेकर शहरों की शोरगुलभरी चहल-पहल तक, गौरैया हवाओं को अपनी खुशनुमा चहचहाहट से भर देती थीं। इन नन्हें पक्षियों के झुंड, बिन बुलाए मेहमान होने के बावजूद स्वागतयोग्य व अविस्मरणीय यादें बनाते थे। लेकिन, समय के साथ, ये नन्हीं दोस्त हमारी जिंदगी से गायब हो गई हैं। कभी बहुतायत में पाई जाने वाली घरेलू गौरैया अब कई जगहों पर एक दुर्लभ दृश्य और रहस्य बन गई है।
Read Moreपिछले दिनों, वृंदावन में भू-माफियायों द्वारा सैकड़ों पेड़ बेरहमी से काटे जाने के बाद, समूचे बृज क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की जा रही है।
Read Moreपिछले माह केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य सभा में आशा वालंटियर्स के महत्वपूर्ण योगदान को सराहते हुए वायदा किया था कि उनका मंत्रालय वेतन सुधार की मांगों पर विचार करेगा और ज्यादा सहूलियतें…
Read MoreVrindavan, Agra, Hyderabad, and Mysore are in the news these days because of the mass slaughter of full-grown trees. Our cities, once vibrant mosaics of biodiversity and cultural reverence for nature,…
Read Moreयूरोप, एक ऐसा महाद्वीप जो कभी मांसाहारी परंपराओं का गढ़ था। लेकिन, अब यह महाद्वीप एक अनूठे बदलाव की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में, शाकाहारी जीवनशैली न केवल सेहत के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि…
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