सनातन धर्म के शिखर के रूप में प्रतिष्ठित महाकुंभ प्रयागराज में अपनी भव्यता को प्रदर्शित करेगा। ‘तीर्थराज’ के रूप में जाना जाने वाला प्रयागराज एक ऐसा शहर है जहां पौराणिक कथाओं, आध्यात्मिकता और इतिहास का संगम होता है, जो इसे सनातन संस्कृति का एक कालातीत अवतार बनाता है। यह पवित्र भूमि, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं, दिव्य आशीर्वाद और मोक्ष चाहने वाले लाखों लोगों के लिए एक आध्यात्मिक आकर्षण के रूप में कार्य करता है। भक्ति, ध्यान और आध्यात्मिकता की 'त्रिवेणी' के रूप में महाकुंभ एक दिव्य यात्रा में बदल जाता है।
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