हजारों वर्ष पूर्व त्रेता युग में भगवान राम अवतरित हुए थे। उन्होंने विश्व के समक्ष एक आदर्श पुत्र की छवि प्रस्तुत की। एक ऐसा पुत्र, जिसने अपने पिता के वचन की मर्यादा की रक्षा के लिए राजगद्दी के सुख और वैभव का त्यागकर 14 वर्ष के लिए अपने अनुज लक्ष्मण एवं पत्नी सीता संग वनवास को चुना...
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