लोकतंत्र को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए एक प्रशिक्षित और प्रतिभाशाली संसदीय ढांचा और प्रणाली की आवश्यकता होती है और इस ढांचे व तंत्र को बनाने के लिए पूर्ण प्रशिक्षित राजनेताओं की...। एक स्वस्थ लोकतंत्र में चुने हुए जन प्रतिनिधि यदि पढ़े-लिखे, सुसंस्कृत और प्रतिभाशाली हों तो उस देश को तरक्की के रास्ते पर जाने से कोई नहीं रोक सकता है।
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