कोरोना काल में, हालांकि, घरेलू निवेश करने की बात थोड़ी अटपटी सी तो लगती है लेकिन सतत छोटा निवेश किसी भी घर की अर्थव्यवस्था का एक अहम पहलू भी है। ऐसे समय में जब लोगों की आमदनी कम हुई है, नौकरियां छूट रही हैं, फिर भी, छोटे-छोटे निवेशों के जरिए इस प्रक्रिया को कैसे जारी रखा जा सकता है? हमारे पास क्या विकल्प हैं जिनके जरिए न केवल हमारे पहले के निवेश जारी रहें, बल्कि रोजमर्रा के खर्चे करने में भी कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। इसी तरह के कई सवालों पर बात करने के लिए आज हमारे साथ हैं वित्त नियोजक अभिनव गुप्ता।
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साक्षात्कार में पूछे गए सवालों पर अपनी राय व्यक्त करें
- कोरोना काल में छोटी धनराशि के साथ निवेश के हमारे पास क्या विकल्प हैं?
- पीपीएफ और ईपीएफ में क्या फर्क है? क्या आम निवेशक दोनों तरह के खाते एक साथ संचालित कर सकता है?
- कोरोना काल के मद्देनजर जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा को लेकर क्या निवेश योजना हो सकती है?
- कोरोना काल के दौरान सोना-चांदी जैसी महंगी धातुओं में निवेश को लेकर क्या योजना बनाई जा सकती है?
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