भैया दूज का त्योहार गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई के तिलक लगाती हैं। उन्हें मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहन के ही घर पर खाना खाता है। तिलक के बाद भाई बहन को दान और तोहफे देता है।
पूजा विधि
सबह जल्दी उठकर, स्नान कर दूज की पूजा की जाती है। दीवार पर चित्र बनाया जाता है। एक दीपक, एक बरतन में पानी, एक गोला, पांच चीनी के खिलौने व अन्य सामग्री रखी जाती है। भाई को वहां बिठाकर उसके तिलक किया जाता है। दूज की कहानी सुनाई जाती है। तिलक करने के बाद खाना खाया जाता है। खाने में पकवान ही बनाए जाते हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में कई और परंपराएं भी प्रचलित हैं।
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