जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एक पुस्तक 'एन इलस्ट्रेटेड गाइड टू द लेपिडोप्टेरा ऑफ इंडिया : टैक्सोनोमिक प्रोसेजर्स, फैमिली कैरेक्टर, डायवर्सिटी एंड डिस्ट्रीब्यूशन' प्रकाशित की है। इस किताब को जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की निदेशक डॉ. धृति बनर्जी के साथ डॉ. नवनीत सिंह, डॉ. राहुल जोशी और डॉ. पीसी पठानिया और हांगकांग के लेपिडोप्टेरा विशेषज्ञ डॉ. आरसी केन्ड्रिक द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया है।
यह किताब साल 2019 में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 6वें एशियाई लेपिडोप्टेरा संरक्षण संगोष्ठी के दौरान विचार-विमर्श से निकले कई प्रावधानों में से एक है, जहां एक ऐसी पुस्तक के लिए व्यापक रूप से चर्चा की गई थी जो लेपिडोप्टेरोलॉजी क्षेत्र में शौकिया और पेशेवरों दोनों का मार्गदर्शन कर सके। यह परियोजना कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई। इसके बाद, लेखकों ने लगातार चार वर्ष तक इस क्षेत्र से संबंधित जानकारी को अद्यतन किया और अंत में इसका परिणाम इस पुस्तक के रूप में सामने आया।
Read in English: Guide on Butterflies and Moths of India released
इस किताब का उद्देश्य भारत में पाई जाने वाली तितलियों और पतंगों के सभी परिवारों और सुपरफैमिलीज़ के लिए मुख्य नैदानिक लक्षणों को संक्षेप में बताना है। बेसल विभाजन की प्रमुख विशेषताओं और तितलियों और पतंगों के विभिन्न समूहों की सुपरफैमिली कंपोजिशंस को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक क्षेत्र में वाउचर सामग्री को इकट्ठा करने और क्यूरेट करने के तरीकों, प्रयोगशाला में अपनाई जाने वाली टैक्सोनोमिक प्रक्रियाओं, सुपरफैमिली और पारिवारिक स्तर की पहचान और विश्व स्तर पर लेपिडोप्टेरान विविधता और वितरण के पैटर्न के बारे में ज्ञान की रूपरेखा तैयार करती है। पॉल वारिंग, मार्क स्टर्लिंग, गौरव नंदी दास और मार्टिन कोनविका द्वारा लिखित तीन अध्याय पाठकों को लेपिडोप्टेरोलॉजी में विभिन्न तकनीकों से परिचित करने के लिए समर्पित हैं।
भारत के लिए यह इलेस्ट्रेटेड गाइड अपनी तरह की पहली किताब है। इसमें वैश्विक लेपिडोप्टेरा की विविधता को 166,320 प्रजातियों, 143 परिवारों और 43 सुपरफैमिली में अद्यतन किया गया है, जिनमें से 13,124 प्रजातियां, 101 परिवार और 31 सुपरफैमिली भारत में पाई जाती हैं।
इस पुस्तक में लेखकों ने लेपिडोप्टेरा के एक नए परिवार यानी हेलियोकोस्मिडे का वर्णन भी किया है।
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