साहित्य / मीडिया

प्यारे बापू ने उन्हें ‘राष्ट्ररत्न’ कहा तो यह उनकी 'पदवी' ही हो गई। महामना मालवीय के प्रति उनकी अपार श्रद्धा थी। मालवीय को वह ‘पिता’ कहते थे। बाबू शिव प्रसाद गुप्त सचमुच विरले ही व्यक्तित्व थे। रईसी कितनी उदात्त, सरोकार संपन्न और परोपकारी हो सकती है, यह उनके संपूर्ण व्यक्तित्व और अवदान में देखा जा सकता है।

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राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को 'यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर' में शामिल किया गया है...

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लोकतांत्रिक देशों में पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण स्तम्भ स्वरूप होती है। इसके दर्पण में सभी की छवि निष्पक्ष रूप से प्रतिबिम्बित होनी चाहिए। पत्रकारिता एक ऐसा वटवृक्ष है जिसके सानिध्य में लोकतंत्र पल्लवित व पुष्पित होता है और यही स्तम्भ देश की दिशा व दशा को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है...

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नॉर्वे की सुप्रसिद्ध लेखिका सिग्रिड अनसेट को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। जिस समय उन्हें यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई, उनसे भेंट करने बहुत से पत्रकार उनके घर जा पहुंचे...

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अंग्रेजी उपन्यासकारों में हेनरी जेम्स को बेहद ऊंचा स्थान प्राप्त है। बात उस समय की है जब उनकी प्रसिद्धि अपने चरम पर थी...

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रहस्य से भरी कथाओं के प्रख्यात लेखक सर आर्थर कानन डायल पुनर्जन्म पर पूरा विश्वास रखते थे और आत्माओं से बातचीत करने में भी उनकी काफी दिलचस्पी रहती थी...

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