मुगलों के शासन के दौरान समाज में आतंक तो व्याप्त था ही, साथ में, समाज रूढ़िवाद और छूआछूत जैसी कठिन समस्याओं में भी जकड़ा हुआ था। उस दौर में हिन्दुत्व की भावना को सुरक्षित रखने के लिए वैष्णव आन्दोलन का प्रचार-प्रसार चल रहा था और उसे पूरे देश में लोकप्रिय बनाने का श्रेय श्री चैतन्य को जाता है।
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