केंद्र और राज्य सरकारों को त्योहारों से पहले प्रोत्साहन और रियायतों के विशेष पैकेजों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। भारत के त्योहार, चाहे वह होली हो, दिवाली हो, ईद हो या क्रिसमस, न केवल खुशी के उत्सव हैं, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने वाले पावरफुल इंजन भी हैं। ये जीवंत आयोजन भारत की बाजार अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखते हैं, जिससे त्योहारों के लिए सरकारी समर्थन उनके बहुआयामी प्रभाव के लिए आवश्यक हो जाता है।
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