धर्म, कला और संस्कृति

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के निकट मनाली में मौजूद हिडिंबा देवी मंदिर एक प्राचीन गुफा मंदिर है। यह मंदिर भारतीय महाकाव्य महाभारत के भीम की पत्नी हिडिंबा देवी को समर्पित है। यह मंदिर मनाली का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। इसे ‘डूंगरी मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है...

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अब यह सिद्ध हो चुका है कि भगवान कृष्ण का जन्म 3228 ईसा पूर्व 18 जुलाई को हुआ था। यानी, आज से 5252 वर्ष पहले भगवान कृष्ण ने धरती पर अवतार लिया और वह 3102 ईसा पूर्व 18 फरवरी को अपने निज धाम गमन कर गए थे...

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सर्वविदित है कि इस संसार के रचयिता और पालनहार भगवान श्री कृष्ण ही हैं। श्री कृष्ण नाम एक है, परन्तु रूप अनेक हैं। श्री कृष्ण, यशोदा एवं देवकी के लिए पुत्र, राधा के लिए प्रियतम, गोप-गोपियों, सुदामा और अर्जुन के लिए सखा, कंस के लिए निकन्दन, मीरा के कृष्ण, अपने भक्तों के जनार्दन अथवा पालनहार, दक्षिण भारत में गोविंदा। तात्पर्य यह कि जिस भक्त ने, जिस भाव से उनका भजन किया, वह उसे उसी रूप में, उसे प्राप्त हुए।

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कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगी राज को अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में वीजा देने से इनकार करने से व्यापक आक्रोश और निराशा व्यक्त की गई है...

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जन्माष्टमी पर मथुरा के कोयला गांव में भले ही कोई बड़ा धार्मिक आयोजन न होता हो लेकिन इस गांव को यह नाम देवकी पुत्र ने ही दिलाया था...

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देवों के देव महादेव का अभिषेक भांग, धतूरे, फल, फूल और बिल्वपत्र इत्यादि से किया जाता है। माना जाता है कि भगवान शंकर की पूजा बिना बिल्वपत्र के अधूरी होती है। शास्त्रों में माना गया है कि बिल्वपत्र भगवान को अति प्रिय है...

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