‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का मुद्दा फिर से गर्म होने लगा है। साथ ही, यह बहस भी एक बार फिर से शुरू हो चुकी है कि क्या ऐसा करना जरूरी है!
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Read Moreकोरोना के चलते 'पांच ट्रिलियन डॉलर' की अर्थव्यवस्था के सपने को एक बड़ी चोट पहुंची है। अब इसे लेकर सरकार द्वारा उठाए गए आगामी 'ठोस' कदम ही तय करेंगे कि यह 'सपना' सिर्फ सपना ही रहेगा या कोई मूर्त रूप ले पाएगा। इस विषय पर विस्तार से बता रहे हैं मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार...
Read Moreआपद काल में छोटी बचतें कितनी कारगर साबित हो सकती हैं, बता रहे हैं वित्त नियोजक अभिनव गुप्ता। पूरा आलेख पढ़ने, वीडियो देखने, पोडकास्ट सुनने और अपनी राय व्यक्त करने के लिए महज एक रुपये में सब्सक्राइब करें, दिनभर के लिए...
Read Moreचुनावी प्रक्रिया में, 'साइलेंट वोटर' के रूप में एक नया 'फिनोमिना' सामने आया है। मतदाताओं का यह वर्ग अपनी 'राय' जाहिर नहीं करता है, सिर्फ वोट करता है। मतदाताओं के इस नए रूप और व्यवहार के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल। पूरा आलेख पढ़ने, वीडियो देखने, पोडकास्ट सुनने और दिनभर विमर्श में भाग लेने के लिए अभी सब्सक्राइब करें महज एक रुपये में...
Read Moreहालिया कुछेक महीनों में सरकार के कई फैसलों से लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास कुछ कम हुआ है। कृषि कानूनों को लेकर किसानों का असंतोष भी उनमें से एक है। यदि सभी वर्गों को भरोसे में लेकर काम करने की रणनीति बनाई जाए तो कई अनावश्यक गतिरोधों से बचा जा सकता है। इन ऊहापोह स्थितियों से कैसे बचा जाए, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार विनीत सिंह। पूरा आलेख पढ़ने व इस बहस में भाग लेने के अभी सब्सक्राइब करें महज एक रुपये में, दिनभर के लिए...
Read Moreनिजता के नाम पर रिश्तों में दूरी बनाने से होने वाले नुकसानों का जिक्र कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार केशव चतुर्वेदी। इस विषय पर विचार व्यक्त करने के लिए अभी सब्सक्राइब करें, महज एक रुपये में दिनभर के लिए...
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