भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 55वें संस्करण में कृति सेनन ने ‘सशक्तीकरण परिवर्तन : सिनेमा में अग्रणी महिलाएं’ विषय पर बातचीत में कहा कि आजकल ‘पुरुषों की नजर’ बदल रही है और ‘परिपूर्ण’ लड़की या महिला की मांग कम हो रही है।
हाल की फिल्मों में महिलाओं द्वारा निभाई जा रही नकारात्मक भूमिकाओं एवं किरदारों के बारे में टिप्पणी करते हुए सेनन ने कहा कि दर्शक नकारात्मक किरदारों को पसंद करते हैं और उनसे अच्छी तरह जुड़ते हैं।
Read in English: ‘Male gaze’ is changing nowadays, says Kriti Sanon
कृति सेनन ने कहा कि उनकी फिल्म ‘मिमी’ उनके अभिनय करियर में अब तक का सबसे साहसिक कदम था। उन्होंने कहा कि यह जोखिम तब अच्छा लगा, जब उन्होंने इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।कृति सेनन ने बताया कि उन्हें कई लोगों ने इस फिल्म को न चुनने की सलाह दी थी। उन्हें डर था कि इससे उन्हें एक ऐसे अभिनेत्री का लेबल दे दिया जाएगा, जो कला फिल्मों को पसंद करती है। इससे उनकी दूसरी फिल्में भी प्रभावित हो सकती हैं। कृति के अनुसार, फिर भी उन्होंने इस फिल्म को सिर्फ स्क्रिप्ट की वजह से चुना।
सेनन ने कहा कि प्रोजेक्ट चुनते समय स्क्रिप्ट सबसे अधिक मायने रखती है। बातचीत में उन्होंने भविष्य में ‘सुपरवुमन’ का किरदार निभाने और कोई भी नकारात्मक भूमिका निभाने की इच्छा भी व्यक्त की।
अपनी नई फिल्म ‘दो पत्ती’ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म में अपनी भूमिका को वह बहुस्तरीय तथा सूक्ष्म मानती हैं। फिल्म में घरेलू हिंसा के विषय को कुछ इस तरह छुआ गया है कि यह आपके दिल को छू जाता है। कृति इस फिल्म की सह-निर्माता भी हैं।
फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कृति ने बताया कि एक बिल्कुल सीधे चेहरे वाली रोबोट की भूमिका निभाना बहुत मुश्किल था।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कृति सेनन ने के अनुसार जब आप फिल्म निर्माण और अभिनय के क्षेत्र में कदम रखते हैं, तो स्वभाव से ही अनिश्चित होते हैं। ऐसे में फिल्म निर्माताओं के लिए बेहतर है कि वे बैक-अप करियर विकल्प तैयार रखें।
कृति ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से फिल्म उद्योग में प्रवेश करने वाली नई महिला लेखकों की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म सैकड़ों देशों में महिला फिल्म निर्माताओं को बेहतर मंच प्रदान कर रहे हैं। अभिनेत्री ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ना चाहिए और स्वयं पर मेहनत करनी चाहिए। उन्हें अपना सौ प्रतिशत देना चाहिए, जिज्ञासु बने रहना चाहिए और प्रश्न पूछने चाहिए।
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