सादगी को कमजोरी न समझें

नई दिल्ली : उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के दौर में आज हर आदमी स्कैनर के अंदर है। आप अपने लैपटॉप पर गूगल में अपना घर देख सकते हैं। इसने हमारी जिंदगी को और ज्यादा उलझा दिया है और हम इस बड़े बाजार में खो-से गए हैं।

Subscribe now

Login and subscribe to continue reading this story....

Already a user? Login

Related Items

  1. बेहद बेबस नजर आती है 'खास' लोगों के आगे हमारी न्याय व्यवस्था…!

  1. ‘ट्रंप टैरिफ’ के बाद भारत दृढ़ता से खोजे अपना मार्ग

  1. वैश्वीकरण की दुनिया में देशों के ‘आकार’ की कठोर सच्चाई



Mediabharti