पिछले तीन दशकों में भारत अग्रणी मेडिकल मंडी के रूप में उभरा है। निजी क्षेत्र के हॉस्पिटल और नर्सिंग होम की कुकुरमुत्तई बढ़त ने सुविधाएं तो निश्चित बढ़ाईं हैं, लेकिन अविश्वास और शोषण के लिए भी काफी ख्याति अर्जित की है। पूरे देश में ही स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क है। हाल के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को इसके लिए खूब खरी खोटी सुनाई।
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