धर्म, कला और संस्कृति

शास्त्रों के अनुसार दस महाविद्याओं में से किसी एक की नित्य पूजा करने से लगातार चली आ रही ‍बीमारी, मानहानि, गृह कलह, बेरोजगारी व तनाव आदि सभी तरह के संकट शीघ्र समाप्त हो जाते हैं। इन महाविद्याओं की साधना कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायक और सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सहायक मानी गई है...

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हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का पांचवां माह सावन का है। यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महीने में भगवान शिव के साथ मां पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। शिव पुराण के अनुसार, इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती भू-लोक में निवास करते हैं...

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बेड़ी हनुमान मंदिर भक्त और भगवान के बीच अनूठे संबंध की कहानी कहता है। जगन्नाथ स्वामी के दर्शन करने वाला हर भक्त बेड़ी हनुमान जरूर जाता है। इसकी वजह यह बताई जाती है कि जो भक्त जगन्नाथ स्वामी के दर्शन करके आते हैं, हनुमान उनकी ही आंखों के जरिये यहां प्रभु के दर्शन करते है...

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आमतौर पर शनि को लेकर हमारे मन में कई धारणाएं हैं। इसे बहुत कष्ट देने वाला ग्रह माना जाता है। लेकिन, वास्तविकता में ऐसा नहीं है। यदि शनि की आराधना ध्यानपूर्वक की जाए तो उनसे उत्तम कोई आराध्य नहीं है। माना जाता है कि शनि की जिस पर कृपा होती है, उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं।

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अंबाजी माता का मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इसके पीछे प्रचलित कहानी के अनुसार, जब देवी सती ने अग्निकुंड में कूदकर अपनी जान दे दी तो उनकी मृत्यु से निराश होकर शिव अपने रौद्र रूप के साथ उनके जलते शरीर को गोद में लेकर निकल पड़े। यह देख भगवान विष्णु ने अपना दिव्य चक्र छोड़ दिया जिससे माता सती के शरीर के टुकड़े अलग-अलग दिशाओं में जाकर गिर पड़े। कहा जाता है कि उनका हृदय इसी स्थान पर गिरा था।

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मथुरा से दिल्ली जाते समय राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर छटीकरा के निकट श्री गरुड़ गोविन्द भगवान श्रीकृष्ण की विहार स्थली है। यह छटीकरा स्थित वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।

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