चर्चिल एक बेहद लोकप्रिय राजनेता थे लेकिन उन्हें अपनी लोकप्रियता को लेकर कोई गलतफहमी नहीं थी।
एक बार चर्चिल को किसी एक सभा में व्याख्यान देना था। वहां जमा हुई अच्छी खासी भीड़ की और इशारा करते हुए उनके किसी व्यक्तिगत सहयोगी ने कहा कि आप इतने लोकप्रिय हैं कि आपके भाषण को सुनने के लिए यहां पांच हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ एकत्र हो गई है।
पूरे तटस्थ भाव से चर्चिल ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि मित्र, ये लोग मेरा भाषण सुनने नहीं आए हैं, अपितु तमाशा देखने आए हैं। यदि कल मुझे इसी जगह फांसी की सजा देने की घोषणा कर दी जाए तो आपको यहां पचास हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ देखकर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।
और, इतना कहकर वह भाषण देने के लिए खड़े हो गए।
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