हाइड्रोजन बस से होता है शून्य कार्बन उत्सर्जन


भारतीय सेना ने हरित एवं टिकाऊ परिवहन समाधान खोजने की दिशा में अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करते हुए हाइड्रोजन ईंधन सेल बस प्रौद्योगिकी के परीक्षणों के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ समझौता किया है।

हाल ही में, भारतीय सेना को एक हाइड्रोजन ईंधन सेल से चालित बस सौंपी गई है। यह भारतीय सेना और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। समझौता ज्ञापन में नवाचार को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए टिकाऊ परिवहन समाधानों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।

Read in English: Water vapour is the only emission of Hydrogen Bus

हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक इलेक्ट्रो-रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करके विद्युत ऊर्जा का एक स्वच्छ व कुशल विकल्प प्रदान करती है। यह प्रक्रिया जल वाष्प को एकमात्र उत्सर्जित पदार्थ के रूप में छोड़ती है और इस तरह से यह शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करती है।

हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली बस में 37 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। यह हाइड्रोजन ईंधन के पूरे 30 किलोग्राम के ऑनबोर्ड टैंक पर 250-300 किलोमीटर का प्रभावशाली माइलेज प्रदान करती है।

ध्यान रहे, भारतीय सेना ने देश की उत्तरी सीमाओं पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड पावर प्लांट की स्थापना के लिए 21 मार्च 2023 को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इस तरह, यह ऐसा करने वाली पहली सरकारी इकाई बन गई है। इसके अलावा, चुशूल में एक प्रायोगिक परियोजना को शुरू किया जा रहा है, जहां पर 200 किलोवाट ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्राम दुर्गम इलाके और कठिन जलवायु वाली परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को 24x7 स्वच्छ माध्यम से बिजली प्रदान करेगा।



Related Items

  1. भारतीय लोकतंत्र में विपक्ष कब बनेगा बेहतरीन विकल्प?

  1. धार्मिक पर्यटन बन रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था का नया इंजन

  1. भारतीय विमानन क्षेत्र भर रहा है समावेशिता की उड़ान




Mediabharti