नया साल नई उम्मीदें और लोगों के लिए नए लक्ष्य निर्धारण की भावना लेकर आता है। पिछले साल जो कार्य अधूरे रह गए, नया साल उन कार्यों को नई ऊर्जा से पूरा करने की प्रेरणा और आधार देता है। नए साल में हर व्यक्ति को नए अहसास के साथ अपने अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए और अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।
नया वर्ष हर व्यक्ति के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ-साथ कमियों और गलतियों का मूल्यांकन करने का भी समय है। यह हमें अपने आप को भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, कार्य करने तथा आगामी वर्ष के लिए नए लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता है।
इस परिपाटी का पालन करते हुए भारत सरकार और सभी राज्य सरकारों को नए साल में देश के सभी नागरिकों के भले के लिए नई योजनाएं बनानी चाहिए। इनमें शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं का महत्वपूर्ण स्थान हो तो बेहतर होगा। नरेन्द्र मोदी सरकार इस समय देश में बहुत सारी जनहितकारी योजनाएं चला रही है लेकिन शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी पर अभी बहुत काम होना बाकी है।
सरकारों को शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की जड़ों को खत्म करने का अभियान चलाना चाहिए, जिससे देश में राम राज्य की स्थापना हो सके और लोगों तक मुफ्त में नहीं बल्कि सस्ते में इन सुविधाओं की पहुंच बन सके। भारत के लोगों को मुफ्त की सुविधाओं की जरूरत नहीं है, बल्कि सस्ते दामों में भारत की सरकारों को ये सुविधाएं देश के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए, तभी देश में अंत्योदय का सपना साकार होगा। भारतीय लोग मुफ्त योजनाओं के बजाय आत्मनिर्भर बनकर भारतीयता का झंडा गाड़ना चाहते हैं।
पिछले दस सालों में मोदी सरकार द्वारा अनेक नई शुरुआतें की गई हैं तथा कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गईं। इनका लाभ आम लोगों को मिला भी है, लेकिन, अभी भी मोदी सरकार को अपनी बहुत सारी योजनाओं को उनकी परिणति तक पहुंचाना होगा और अच्छे परिणाम देने होंगे। सरकार को सभी शासकीय स्तरों पर कुशल, पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना होगा। वर्ष 2025 में मोदी सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर लैंगिक संवेदनशीलता भी सुनिश्चित करनी होगी और जातिगत भेदभाव को जमीनी स्तर से खत्म करने की लोगों में अलख जगानी होगी।
इसके अलावा, मोदी सरकार को ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग को देश से समाप्त करने की पहल करनी चाहिए, क्योंकि ये गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का शोषण करने का माध्यम बन गई हैं। ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग के तहत जो लोग कार्य करते हैं उनसे लगातार वसूली की जाती है, जिसमें सरकारी तंत्र के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है। सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। कहा जाए तो प्रधानमंत्री दी को राष्ट्र को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तहेदिल से और एकाग्रचित होकर प्रयास करना होगा।
साल 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अनेक उपलब्धियां गढ़ने का अवसर बन सकता है। मोदी सरकार ने बीते वर्षों के दौरान अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। साथ-साथ अनेक सफलताएं भी पाई हैं। इन सफलताओं व उपलब्धियों के बीच मोदी सरकार को अपनी गलतियों और कमियों पर पर्दा नहीं डालना चाहिए। बल्कि, अपनी गलतियों और कमियों का मूल्यांकन करके भावी वर्ष के लिए रणनीति बनानी चाहिए ताकि इनमें और ज्यादा सुधारकर अवसरों में बदला जा सके।
(ये लेखक के स्वयं के विचार हैं।)
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