लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को नोटबंदी को लेकर एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया है फैसला है और अब यह उनके लिए गले की फांस बन गया है। इससे गरीबों को खासी परेशानी हुई है, बीजेपी के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। मायावती ने आरोप लगाया कि अपने चोर दरवाजे से बीजेपी ने पूंजीपतियों और धन्नासेठों का बहुत पैसा बहाया है।
बसपा सुप्रीमो ने बीजेपी और सपा पर साठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का गठबंधन बीजेपी के इशारे पर हो रहा है। कांग्रेस और सपा के गठबंधन का आखिरी फैसला बीजेपी के नफे, नुकसान और इशारे पर ही होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि चुनावों में बीजेपी की हार तय है। बीजेपी ने अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए कुछ स्वार्थी लोगों को तोडक़र अपनी पार्टी में शामिल किया और इसका खूब प्रचार करवाया। बसपा प्रमुख ने कहा कि अनेक तरह के घिनौने हथकंडे अपनाकर और परिवर्तन रैली करने के बाद भी बीजेपी को जनाधार बनाने में हताशा ही हाथ लगी है। बीजेपी ने रैलियों में करोड़ों रुपये बहा दिए। मायावती ने कहा कि यूपी में दंगों के पीछे समाजवादी पार्टी और बीजेपी ही हैं। उन्होंने मुस्लिमों को आगाह करते हुए कहा कि बीजेपी और अन्य पार्टियां मुस्लिम वोटों को बांटने की चाल चल रही है। दरअसल, केंद्र सरकार सपा को डरा रही है। उन्होंने इसे मुस्लिम वोट को बांटने की साजिश करार दिया और कहा कि समाजवादी पार्टी और बीजेपी के मधुर संबंध हैं। बीएसपी ही मुस्लिम समाज की हितैषी पार्टी है।
केंद्र की मोदी सरकार पर बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि उन्होंने ढाई साल में कोई वादा पूरा नहीं किया इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी के रोज नए-नए हथकंडे अपना रही है। नोटबंदी को लेकर मायावती ने कहा कि यह फैसला बिना तैयारी के लिए गया. जनता चुनावों में उन्हें सबक सिखाएगी। यह निर्णय अब उनके गले की हड्डी बन गया है। मायावती ने सपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि वर्तमान यूपी सरकार गुंडों को संरक्षण दे रही है। इस सरकार पर दंगों के दाग हैं। 2013 का मुजफ्फरनगर दंगे का दाग कभी धोया नहीं जा सकता। मुजफ्फरनगर दंगे में जान माल की क्षति हुई। इसमें 1 लाख लोग बेघर हुए। यही नहीं, अखिलेश सरकार ने लोगों के कैंपों पर बुलडोजर तक चलवा दिए।
साभार-khaskhabar.com
Related Items
नेतृत्व में बदलाव ही कर सकता है कांग्रेस का पुनर्जन्म
थकावट और ठहराव की शिकार हो चुकी है कांग्रेस...!
कांग्रेस के पतन से भाजपा को है ‘सीख’ लेने की जरूरत