नोटबंदी : आजाद बोले- 84 मौतों के जिम्मेदारी कौन ? जेटली- चर्चा नहीं चाहता विपक्ष

नोटबंदी : आजाद बोले- 84 मौतों के जिम्मेदारी कौन ? जेटली- चर्चा नहीं चाहता विपक्षनई दिल्ली । नोटबंदी पर सियासी संग्राम थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इस मामले को लेकर बुधवार को भी संसद में हंगामेदार शुरूआत हुई। कांग्रेस के सदस्यों ने जहां सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध किया वहीं राज्यसभा में भाजपा के सांसदों ने भी नारेबाजी की। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही भी 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

 

राज्यसभा में हंगामा, नारेबाजी

नोटबंदी के मामले को लेकर राज्यसभा में जमकर नारेबाजी हुई। भाजपा सदस्यों ने नारा लगाया ‘हिम्मत हो तो चर्चा करो’। इससे पहले नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, नोटबंदी का फैसले के क्या हासिल हुआ? एक महीना हो गया है और अब तक 84 लोगों की लाइनों में लगकर मौत हो चुकी है। 

 

40 लोगों की मौत लाइनों में हुई। दवाइयों के बाद भी लोगों की मौत हुई। किसी को हार्ट अटैक हुआ, किसी की बेटी की शादी के लिए पैसे नहीं निकाल पाए, आत्महत्या कर ली। इन 84 लोगों की हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार ने बिना सोचे-समझे नीति लागू कर दी। 84 लोगों की जान चली गई। इतनी बड़ी स्कीम लाई, इतने लोगों की जान चली गई। जिम्मेदार कौन है? इसके लिए सदन को किसी को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। 

पूरा पैसा अगर बैंकों में वापस आ गया तो कालाधन कहां है? क्यों करोड़ों लोगों को परेशान करके लाइनों में लगाया गया? हमें जवाब मिला कि बैंकों में पूरा पैसा है। बैंकों में अगर पूरा पैसा है तो लोग लाइन में क्यों खड़े हैं, लोग क्यों आत्महत्या कर रहे हैं? 

 

इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, इससे साफ दिख रहा है कि विपक्ष चर्चा से भागना चाहता है और बिना किसी कारण के संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है। जेटली ने कहा, हम चर्चा के लिए तैयार थे, विषय महत्व का है, 

 

इसलिए इस पर चर्चा पूरी होनी चाहिए। विपक्ष किसी न किसी बहाने को लेकर चर्चा को रोकने की कोशिश करता है। विपक्ष की कोशिश रहती है कि 2 मिनट के लिए, टीवी कवरेज के लिए यह विषय उठ जाए और उसके बाद चर्चा से बचते हैं। 

विपक्ष में हिम्मत है तो आज भी चर्चा होने दीजिए। बसपा प्रमुख  मायावती ने कहा, लगभग एक महीना होने को है, लेकिन नोटबंदी के चलते समस्या जस की तस है। जो सरकारी कर्मचारी हैं, उनको तकलीफ हो रही है। हालात बहुत खराब हैं। 

 

इसको उन्होंने इज्जत का सवाल बनाया है, जिस वजह से जनता परेशान हो रही है। हमारी पार्टी नोटबंदी के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरीके से इसे लागू किया गया है वह गलत है। पीएम माफी मांगें, देश की 90 फीसदी जनता परेशान है।     

साभार-khaskhabar.com

 


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