जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो उस समय मेरी विज्ञान की पुस्तक में "जल" नामक एक अध्याय था, जिसकी आरंभिक पंक्ति थी- पानी-पानी हर तरफ, लेकिन पीने को बूंद नहीं।
जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो उस समय मेरी विज्ञान की पुस्तक में "जल" नामक एक अध्याय था, जिसकी आरंभिक पंक्ति थी- पानी-पानी हर तरफ, लेकिन पीने को बूंद नहीं।
Related Items
नाला बन गई है यमुना, पानी हुआ जहरीला...!
आधुनिक संग्रहालय विज्ञान का अनूठा प्रमाण है वडनगर पुरातत्व म्यूजियम
'एक राष्ट्र - एक चुनाव' सतही समाधान है या वास्तविक सुधार...?