मैं एक मरती हुई भाषा बोलती हूं (थी!)। मार दी गई भाषा! तुमने कहा था कि तुम कोई भाषा जानते हो जो हमें हमारे गंवारूपन और उज्जड़ता से उबार ले जाएगी। और हम तो तमाम दूरियां लांघ आए जहां तक हमें विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हमारी भाषा सुनी या बोली जा सकती थी।
Related Items
चौंकानेवाली रही है पिछले दशक में भारत की विकास यात्रा
जब भाषा बन जाए तकरार और फासलों की वजह…
विकास, एकता और समृद्धि को बढ़ावा देते हैं भारत के उत्सव