आम बजट को सबसे आसान भाषा में यहां समझें...


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश कर दिया है। यहां हम बजट को सबसे आसान भाषा में बिंदुवार समझा रहे हैं, ताकि आपको ज्यादा मगजमारी न करनी पड़े... (Read in English: Understand Union Budget 2025-26 in simple points…)

  • उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
  • निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
  • राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
  • वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये, जीडीपी का 3.1 प्रतिशत, रहने का अनुमान है।
  • सरकार राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करेगी। इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों के अभिसरणके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
  • राज्यों की भागीदारी से ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण’ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।
  • सरकार तूअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ प्रारम्भ करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।
  • उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।
  • मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा। इसका उद्देश्य अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।
  • सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क लाएगी।
  • कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।
  • नामरूप असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
  • सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और दो गुना कर दी जाएगी।
  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में पांच लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
  • विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपये के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी।
  • अनुसूचित जातियों और जनजातियों की पांच लाख महिलाओं के रूप में पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान दो करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध कराने की एक नई योजना की घोषणा की गई है।
  • भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने चार लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा की गई है।
  • भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना प्रस्तावित की गई है।
  • बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापना की जाएगी।
  • ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
  • पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाया जाएगा।
  • अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
  • भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
  • स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा की गई है।
  • ‘मेक फॉर इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड’ विनिर्माण के लिए हमारे युवाओं को आवश्यक कौशलों से सुसज्जित करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और भागीदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • 6,500 नए विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुगम बनाने के लिए वर्ष 2014 के पश्चात शुरू किए गए पांच आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन किया जाएगा।
  • कुल 500 करोड़ रुपये के परिव्यय से शिक्षा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
  • मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले पांच वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी।
  • सरकार अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • शहरी कामगारों को आमदनी बढ़ाने और स्थायी आजीविका पाने में सहायता करने के लिए उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम की घोषणा की गई है।
  • पीएम स्वनिधि स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण 30,000 रुपये की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जाएगा।
  • सरकार गिग कामगारों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था तथा पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी।
  • सरकारी निजी भागीदारी में तीन वर्षीय पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए अवसंरचना संबंधी मंत्रालय बनाए जाएंगे राज्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सुधारों के लिए पूंजी व्यय और प्रोत्साहन के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा गया है।
  • घोषित की गई नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी के लिए 2025-30 के लिए दूसरी योजना का प्रस्ताव है।
  • बढ़े हुए कुल आवंटन के साथ जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया।
  • एक लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष की घोषणा जिसे 2025-26 के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के आवंटन के प्रस्ताव के साथ वृद्धि केंद्रों के रूप में शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्ताव लागू करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
  • परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है।
  • कुल 20 हजार करोड़ रुपये के आवंटन के साथ लघु मॉड्यूलर रियक्टर्स के अनुसंधान व विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित किया जाएगा। 2033 तक पांच स्वदेश विकसित एसएमआर संचालित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
  • पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा। निर्दिष्ट आकार से अधिक विशालकाय पोतों को अवसंरचनासुसंगत मास्टर लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
  • 25 हजार करोड़ रुपये के आवंटन के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें सरकार का योगदान 49 प्रतिशत होगा। शेष योगदान बंदरगाहों और निजी क्षेत्र को करना होगा।
  • अगले 10 वर्ष में 120 नए गंतव्यों और चार करोड़ यात्रियों को लाने-ले-जाने के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की संशोधित उड़ान स्कीम की घोषणा की गई है।
  • पर्वतीय आकांक्षी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों को भी समर्थन दिया जाएगा।
  • बिहार में ग्रीन पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार के अलावा बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की घोषणा की गई है।
  • बिहार में पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • टेलिंग से महत्वपूर्ण खनिजों की रिकवरी के लिए नीति बनाई जाएगी।
  • सरकार बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान के साथ एक लाख और आवासीय इकाईयों को पूरा करने के कार्य में तेजी करने के उद्देश्य से 15 हजार करोड़ रुपये का नया स्वामिह कोष बनाने की घोषणा की गई है।
  • चुनौती मोड के जरिये राज्यों की भागीदारी से देश में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा।
  • पिछले वर्ष जुलाई के बजट में घोषित निजी क्षेत्र संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
  • अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की संभावना तलाशी जाएगी।
  • बढ़ी हुई वित्तीय सहायता के साथ आईआईटी और आईआईएस में प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के लिए 10 हजार फैलोशिप प्रदान की जाएंगी।
  • भावी खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइंस के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।
  • बुनियादी जियो स्पेटियल अवसंरचना और डाटा विकसित करने के लिए नेशनल जियो स्पेटियल मिशन की घोषणा की गई है।
  • शैक्षिक संस्थानों, संग्रहालयों और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ पांडुलिपी विरासत के सर्वेक्षण, प्रलेखन और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल की जाएंगी।
  • वाणिज्य मंत्रालय एमएसएमई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे।
  • व्यापार प्रलेखन और वित्त पोषण समाधानों के लिए संयुक्त मंच के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ट्रेडनेट स्थापित किया जाएगा।
  • ऊभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों के मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।
  • एनएबीएफआईडी अवसंरचना के लिए कॉरपोरेट बॉंड के उद्देश्य से आंशिक ऋण वृद्धि सुविधा स्थापित करेगा।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसएचजी सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर’ फ्रेमवर्क विकसित करेंगे।
  • पेंशन उत्‍पादों के विनियमित समन्‍वय और विकास के लिए एक फोरम की स्‍थापना का प्रस्‍ताव रखा गया है।
  • सभी गैर वित्‍तीय क्षेत्र संबंधी नियमों, प्रमाण लाइसेंस और अनुमति की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार के लिए उच्‍च स्‍तरीय समिति के गठन का प्रस्‍ताव रखा गया है।
  • प्रतिस्‍पर्धी समन्‍वित संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 में राज्‍यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू किया जाएगा।
  • जन विश्‍वास विधेयक 2.0 में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर आपराधिक बनाने के लिए प्रस्‍ताव रखा गया है।
  • नई कर व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत 12 लाख रुपये तक की आय, अर्थात विशिष्‍ट दर जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर एक लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय, पर कोई आयकर देय नहीं होगा।
  • वेतनभोगी कर दाताओं के लिए यह यह सीमा 75 हजार रुपये की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख रुपये होगी। यह नई संरचना मध्‍यम वर्ग के करों को काफी कम करेगी और घरेलू उपयोग, वचत तथा निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके पास अधिक धन राशि उपलब्‍ध होगी।
  • नया आयकर विधेयक भी अध्‍यायों और शब्‍दों दोनों की दृष्टि से सुस्‍पष्‍ट और प्रत्‍यक्ष होगा। यह करदाताओं और कर प्रशासन के लिए समझने में आसान होगा, जिससे कर सुनिश्चितता आएगी और मुकदमेबाजी कम होगी। इससे प्रत्‍यक्ष करों में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का परित्‍याग होगा।
  • टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्‍या कम कर उसे तर्क संगत बनाते हुए वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए ब्‍याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दो गुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा रही है।
  • किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई।
  • भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण स्‍कीम के अंतर्गत धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया है। उच्‍च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर-पैन मामलों पर ही लागू होंगे।
  • विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीसीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक घोषित करने का प्रावधान रखा गया है।
  • छोटे धर्मार्थ न्‍यासों व संस्‍थाओं की पंजीकृत अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष से 10 वर्ष कर ऐसी संस्‍थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम किया गया है।
  • कर दाताओं को अपने स्‍वामित्‍व वाली संपत्तियों के लिए शून्‍य वार्षिक मूल्‍य का दावा बिना किसी शर्त के ऐसी दो संपत्तियों के लाभ की अनुमति का प्रस्‍ताव रखा गया है।
  • तीन वर्षों की ब्‍लॉक अवधि के लिए अंतराष्‍ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्‍स लेन्‍थ मूल्‍य निर्धारण करते के लिए एक योजना की शुरुआत की गई है।
  • अंतरराष्‍ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने तथा निश्चितता को बनाए रखने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्‍तार किया गया है।
  • 29 अगस्‍त 2024 को या उससे पश्‍चात व्‍यक्तियों द्वारा राष्‍ट्रीय बचत स्‍कीम से किए गए आहरण पर छूट मिलेगी।
  • एनपीएस वात्‍सल्‍य खातों के लिए भी ऐसी ही व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव जो समग्र सीमाओं के अधीन सामान्‍य एनपीएस खातों के लिए उपलब्‍ध हैं।
  • उन अनिवासियों के लिए प्रकल्‍पित कराधान व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव है जो ऐसी निवासी कंपनी को सेवाएं प्रदान करते हैं जो इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्‍थापित या संचालित कर रही है।
  • विशिष्‍ट इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण इकाइयों की आपूर्ति के लिए उपकरण घटकों को स्‍टोर करने वाले अनिवासियों की कर निश्चितता के लिए सुरक्षित बंदरगाह सेवा आरंभ की गई है।
  • देश में अन्तर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टन भार कर योजना के लाभों को भारतीय पोत अधिनियम, 2021 के अंतर्गत पंजीकृत अन्तर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • अप्रैल 1, 2030 से पहले निगमित होने वाले भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को पांच वर्षों तक अवधि का विस्तार कर स्टार्ट-अप लाभ प्रदान किए गए हैं।
  • श्रेणी-1 और श्रेणी-2 एआईएफ अवसंरचना और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में निवेश निकायों को प्रतिभूतियों से होने वाले लाभों पर कराधान की निश्चितता प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • सॉवरेन वेल्‍थ फंड और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने की तारीख पांच वर्ष बढ़ाकर 31, मार्च, 2030 तक करने का प्रस्ताव है।
  • केंद्रीय बजट 2025-26 के प्रस्‍तावों में सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्‍ताव किया गया है। यह 2023-24 के बजट में हटाई गई सात टैरिफ दरों के अतिरिक्त है। इसके बाद, शेष बची टैरिफ दरें ‘शून्य’ दर सहित आठ रह जाएंगी। मोटे तौर पर प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों, जहां ऐसा दायित्‍व मामूली रूप से कम होगा, को छोड़कर उपयुक्‍त कर लगाने का प्रस्‍ताव है।
  • एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार न लगाने का प्रस्ताव है। उपकर के अधीन 82 टैरिफ लाइनों पर समाज कल्याण अधिभार से छूट दी जाएगी। इससे अप्रत्यक्ष करों में 2600 करोड़ रुपये के राजस्‍व का परित्याग होगा।
  • कुल 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्‍क से पूरी तरह छूट मिलेगी। छह जीवन रक्षक दवाएं पांच प्रतिशत के रियायती सीमा-शुल्‍क दवाओं में शामिल हैं।
  • औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्‍ट औ‍षधियां और दवाएं बुनियादी सीमा शुल्‍क से पूरी तरह मुक्‍त होंगी। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ ही 37 अन्‍य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • कोबाल्‍ट पाउडर और लिथियम आयन बैट्री के अवशिष्‍ट, लेड, जिंक और 12 अन्‍य महत्‍वपूर्ण खनिजों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट मिलेगी।
  • घरेलू तकनीकी वस्‍त्र उत्‍पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। दो अन्‍य प्रकार के शटल-रहित करघों वाली टेक्‍सटाइल मशीनरी सीमा शुल्‍क से मुक्‍त होंगी।
  • बुने हुए वस्‍त्रों पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्‍क को संशोधित कर 20 प्रतिशत अथवा 115 रुपये प्रति किलोग्राम में जो भी अधिक हो करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
  • इन्‍टेरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्‍प्‍ले पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है।
  • ओपेन सेल्स और अन्‍य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव है। ओपेन सेल्‍स के अन्‍य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट मिलेगी।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के बैट्री के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं और मोबाइल फोन बैट्री विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं पर छूट मिलेगी।
  • पोत निर्माण में कच्‍चे माल, घटकों, उपभोज्‍यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट मिलेगी। पुराने पोतों के लिए भी ऐसी ही छूट मिलेगी।
  • कैरियर ग्रेड इथरनेट स्‍वीच पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत पर लाया गया है।
  • हस्‍तशिल्‍प की निर्यात अवधि छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई है। आवश्‍यकता पड़ने पर आगे तीन महीनों के लिए और बढ़ाई जा सकती है।
  • वेट ब्‍लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में पूर्ण छूट मिलेगी। क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क से छूट मिलेगी।
  • फ्रोजन फिश पेस्‍ट यानी सुरीमी और ऐसे ही अन्य उत्‍पादों के निर्यात पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 30 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।
  • मछली और झींगा के आहार बनाने के लिए फिश हाइड्रोलीसेट पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 15 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।
  • रेल वस्‍तुओं के लिए घरेलू एमआरओ में वायुयानों और जलपोतों के मरम्‍मत के लिए आयातित एमआरओ के समान ही छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा। ऐसी वस्‍तुओं के निर्यात की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई जिसे आगे एक वर्ष और बढ़ाई जा सकती है।
  • व्‍यवसाय प्रोविजनल कर निर्धारण को अंतिम रूप देने के लिए दो वर्ष की समय-सीमा तय करने का प्रस्‍ताव जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • आयातक या निर्यातक की सुविधा के लिए माल की मंजूरी के बाद स्‍वेच्‍छा से महत्‍वपूर्ण तथ्‍यों की घोषणा कर सकते हैं और जुर्माने के बिना ब्‍याज सहित शुल्‍क का भुगतान कर सकते है।
  • आयातित वस्‍तुओं के अंतिम उपयोग की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई है। ऐसे आयातकों को मासिक विवरण की बजाय केवल तिमाही विवरण दाखिल करना होगा।


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