वैश्विक व्यापार संघर्ष के बीच आत्मनिर्भर भारत की राह

साफ संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप टैरिफ झटकों ने भारत को नींद से जगा दिया है। आत्मसम्मान पर चोट लगी है और दोस्ती से विश्वास उठ गया है। सकारात्मक बात यह है कि स्वाबलंबन से एक नया भारत निर्माण होगा। जल्दी ही तमाम अमेरिकन ब्रांड और सेवाओं के विकल्प खोजे जाएंगे। जनता पार्टी के जॉर्ज फर्नांडिस ने कोका कोला को लात मारकर डबल सेवन कोल्ड ड्रिंक के लिए मार्केट खोला था। देश के हिंदूवादी संगठन और स्वदेशी आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता तुरंत सक्रिय हों और अमेरिका पर निर्भरता घटाने के अभियान में लग जाएं।

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ युद्ध के दौर में आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देते हुए 103 मिनट का अपना सबसे लंबा भाषण दिया था। इस भाषण में साल 2047 तक विकसित भारत के लिए एक रोडमैप पेश किया गया जिसमें स्वदेशी तकनीक, ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक मजबूती को प्राथमिकता दी गई।

भारत का रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य भी अमेरिका-चीन टकराव से उपजे संकट का जवाब है, क्योंकि ट्रंप ने चीनी टेक्नोलॉजी पर प्रतिबंध लगाकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है। भारत सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहनों में आत्मनिर्भरता पर भी ध्यान दे रहा है।  इस साल के अंत तक भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप बनने का ऐलान एक बड़ा कदम है। साथ ही, जेट इंजन और एआई टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी युद्ध में एक स्वतंत्र खिलाड़ी बनाएगा।  

अमेरिका ने रूसी तेल पर प्रतिबंध और चीन से सोलर पैनल पर टैरिफ लगाकर ऊर्जा बाजारों को अस्थिर किया है, लेकिन भारत हरित ऊर्जा में लगातार आगे बढ़ रहा है। समुद्र मंथन मिशन और हाइड्रोजन मिशन भारत को वैश्विक ऊर्जा संकट से बचाएंगे, क्योंकि ट्रंप की नीतियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा दी हैं। 

पीएम किसान योजना का विस्तार और डिजिटल कृषि ऋण से किसानों को राहत मिलेगी। मुद्रा लोन का 80 फीसदी लाभ महिलाओं को मिलेगा और 2030 तक 50 फीसदी महिला नेतृत्व का लक्ष्य रखा गया है। निश्चित ही ये कदम वैश्विक खाद्य संकट और महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर भारत को एक मिसाल बनाते हैं। 

‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना, ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच एक मजबूत जवाब है। भारत स्वदेशी उत्पादन, ऊर्जा स्वावलंबन और तकनीकी नवाचार पर ध्यान देकर आगे बढ़ रहा है। साल 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हम वैश्विक अशांति के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत रखें। आज सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांत पर चलते हुए, भारत वैश्विक मंच पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। ऐसे में ट्रंप के टैरिफ का देश पर कितना असर पड़ सकता है, इसे आसानी से समझा जा सकता है...।

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