भारत जैसे देश में विनिर्माण बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि साल 2020 में विनिर्माण की जीडीपी में हिस्सेदारी करीब 17 फीसदी रही। वहीं, साल 2025 में इसे 25 प्रतिशत तक लेकर जाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही 10 करोड़ लोगों को रोजगार और एक ट्रिलियन डॉलर के विनिर्माण का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन, इसके लिए इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों को स्मार्ट बनना होगा, जिसमें इंडस्ट्री 4.O मददगार साबित होगा।
पहले जानते हैं कि क्या है इंडस्ट्री 4.O... लेकिन, उससे भी पहले समझते हैं इससे पहले की क्रांतियों के बारे में...
इंडस्ट्री 1.O
अठाहरवीं शताब्दी में मशीनों के जरिए उत्पादन की शुरुआत हुई, जिसमें पानी और भाप का इस्तेमाल किया गया। इसे इंडस्ट्री 1.O कहा गया।
इंडस्ट्री 2.O
उन्नीसवीं शताब्दी में श्रम और मशीन की सहायता से असेंबली लाइन के जरिए बड़े पैमाने पर उत्पादन की शुरुआत हुई, यह इंडस्ट्री 2.O कहलाई।
इंडस्ट्री 3.O
बीसवीं शताब्दी में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स की मदद से ऑटोमैटिक उत्पादन की शुरुआत हुई। इसे इंडस्ट्री 3.O कहा गया।
इंडस्ट्री 4.O
इक्कीसवीं शताब्दी में इंटेलिजेंट मैन्युफैक्चरिंग में एआई, क्लाउड, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग अहम भूमिका निभाते हैं, जिसे इंडस्ट्री 4.O कहा जा रहा है।
विश्व में पहली औद्योगिक क्रांति जहां यूरोप और मुख्य रूप से इंग्लैंड तक ही सीमित थी, वहीं इंडस्ट्री 4.O के रूप में वर्तमान औद्योगिक क्रांति पूरे विश्व में तेजी से फैली हुई है। इसकी उपस्थिति और प्रसार किसी एक देश मात्र तक सीमित नहीं है।
इंडस्ट्री 4.O में ऑटोमेशन और डेटा बड़ी भूमिका निभाते हैं। एक ऐसा अंदाज जिसमें मशीनें खुद ब खुद बातें करती हैं। मशीन लर्निंग व रियल टाइम डाटा फैसले लेने में मदद करती हैं, यानी मैन्युफैक्चरिंग का स्मार्ट अवतार। इस पूरी प्रक्रिया में एक कनेक्टेड इको सिस्टम से पीपुल, प्रॉसेस और मशीन सब कुछ एक साथ जुड़े होंगे।
इंडस्ट्री 4.O के चार मुख्य कारक होंगे। कनेक्टिविटी, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग और रियल टाइम डेटा। आज भारत दुनिया के उन देशों में से है, जहां सबसे ज्यादा डेटा उपलब्ध है। यहां के दूरस्थ क्षेत्रों में भी मोबाइल कनेक्टिविटी है, स्मार्ट फोन हैं। भारत का ऑटोमेशन डिजाइन का एक्सपर्ट पूल भी बहुत बड़ा है और एक बड़ी संख्या में वैश्विक कंपनियों के इंजीनियरिंग केंद्र भी भारत में मौजूद है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर वर्षों से अपनी क्षमता से दुनिया को अवगत करा रहे हैं।
माना जा रहा है कि जिस तरह से भारत ने आईटी और सॉफ्टवेयर की दुनिया में परचम लहराया है, उसी तरह इंडस्ट्री 4.O में भी भारत की नींव काफी मजबूत है।
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