अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर खादी परिधानों की हुई बंपर बिक्री


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों खादी कारीगरों के लिए विशेष खुशी लेकर आया। 21 जून को मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने देशभर में 55 खादी संस्थाओं के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों को 8,67,87,380 रुपये मूल्य के 1,09,022 योग-मैट और 63,700 योग परिधानों की बिक्री की।

आंकड़े जारी करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि इस बार हमारे खादी कारीगरों द्वारा बनाए गए विशेष योग परिधानों और चटाईयों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है।

Read in English: Bumper sale of Khadi clothes and mats on International Yoga Day

केवीआईसी अध्यक्ष कुमार ने बताया कि खादी से बने योग परिधान और मैट स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बहुत लाभप्रद हैं, क्योंकि ये बिना किसी रसायन के और न्यूनतम पानी के इस्तेमाल से बनते हैं। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन से ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई शक्ति मिली है।

जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार केवीआईसी ने आयुष मंत्रालय की मांग पर खास टी-शर्ट स्टाइल में खादी के योग कुर्ते तैयार किए। इन्हें खास तौर पर युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था।

योग दिवस के मौके पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित केवीआईसी के खादी भवन ने अकेले आयुष मंत्रालय को 50 हजार योग-मैट और 50 हजार योग परिधानों की आपूर्ति की। इसमें 300 प्रीमियम क्वालिटी के योग-मैट भी शामिल थे। इसके साथ ही मंत्रालय की मांग के अनुसार श्रीनगर में 25 हजार खादी के बने योग-मैट और परिधानों की आपूर्ति की गई। ध्यान रहे, श्रीनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने खादी के परिधान पहनकर योगाभ्यास में भाग लिया था।

आयुष मंत्रालय के अलावा, केवीआईसी ने मुख्य रूप से मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर और पंचकूला, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, ओएनजीसी और नाल्को को योगाभ्यास के लिए खादी से बने योग परिधानों और योग-मैट की आपूर्ति की। कुल 8,67,87,380 रुपये की आपूर्ति में खादी योग परिधानों की बिक्री 3,86,65,900 रुपये और मैट की बिक्री 4,81,21,480 रुपये रही।

मांग के अनुसार केवीआईसी ने आपूर्ति के लिए देशभर की खादी संस्थाओं को पहले ही सूचित कर दिया था, जिसमें गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली की 55 संस्थाएं शामिल थीं। इससे खादी संस्थाओं से जुड़े कताई करने वालों, बुनकरों और खादी श्रमिकों को अतिरिक्त मजदूरी के साथ-साथ रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी मिले।



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