पद्मभूषण सुंदरलाल बहुगुणा, एक ऐसे प्रकृतिप्रेमी और पर्यावरण संरक्षक, जिन्होंने सिर्फ कहा नहीं बल्कि करके भी दिखाया। सत्तर के दशक में रैणी गांव में ‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता रहे बहुगुणा ने गौरा देवी और अन्य महिलाओं के साथ पेड़-पौधों को बचाने के लिए अनूठा आंदोलन चलाया था। इस आलेख को पूरा पढ़ने के लिए अभी सब्सक्राइब करें महज 1 रुपये में अगले पूरे 24 घंटों के लिए...
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