आगरा सिर्फ ताज महल के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि कई अन्य इमारतें भी यहां मौजूद हैं। यह अलग बात है कि पर्यटकों की नजर में ये इमारतें ताज महल की तरह नहीं आ पाईं। लाल किला और फतेहपुर सीकरी दोनों विश्वप्रसिद्ध स्मारक तो हैं ही, साथ ही, अकबर का मकबरा और एत्माददौला भी विश्वस्तरीय दर्शनीय स्थल हैं। इनके अतिरिक्त, मेहताब बाग, रामबाग और मरियम का मकबरा भी आकर्षक स्थान हैं।
वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2021-22 के सात वर्षों में जहां ताजमहल में 3.42 करोड़ पर्यटक आए वहीं उसके नजदीक ही मौजूद आगरा किला में उससे आधे पर्यटक भी नहीं पहुंच पाए। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या कुल 1.58 करोड़ थी। फतेहपुर सीकरी में ताजमहल की अपेक्षा लगभग 12.5 प्रतिशत पर्यटक पहुंचे जिनकी संख्या 42.90 लाख ही रह गई। अकबर के मकबरे में 22.33 लाख, मेहताब बाग में 14.33 लाख, एत्माददौला में 12.78 लाख, रामबाग में 4.35 लाख और मरियम के मकबरे में कुल 2.37 लाख पर्यटक ही देखने के लिए पहुंचे। यह खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा दी गई सूचना में हुआ है।
स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई से प्राप्त हुई इस सूचना में उल्लेख किया गया कि देश में एएसआई द्वारा संरक्षित इमारतों की कुल संख्या 3696 है, जिनमें से 143 स्मारक हैं। आगरा में आठ स्मारकों पर एएसआई टिकट लगाता है। इनमें ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, अकबर का मकबरा, मेहताब बाग, एत्माददौला, रामबाग और मरियम का मकबरा शामिल हैं। इस अवधि में पर्यटकों की संख्या देखें तो ताजमहल की अपेक्षा अन्य टिकट वाले संरक्षित इमारतों को देखने वालों की संख्या कम ही रही। संख्या को देखा जाए तो यदि इस अवधि में ताजमहल देखने वाले 1000 व्यक्ति थे तो आगरा किला केवल 463 लोगों ने देखा और फतेहपुर सीकरी 125 लोगों ने ही देखा। अकबर के मकबरे को ताजमहल के सापेक्ष में कुल 65 लोगों ने देखा, मेहताब बाग को 42, एत्माददौला को 37, रामबाग को 13 और मरियम के मकबरे को केवल सात लोगों ने ही देखा।
आमदनी की बात करें तो आगरा की इन इमारतों से एएसआई को सात साल में 560.64 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इनमें अकेले ताजमहल से प्राप्त राजस्व 334.55 करोड़ रुपये था। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि केन्द्रीय एवं राज्य पर्यटन विभाग ताजमहल के अतिरिक्त अन्य इमारतों तक पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पाए। फतेहपुर सीकरी, एत्माददौला और सिकन्दरा के मकबरा को देखकर पर्यटक प्रभावित हुए बिना नहीं रहते हैं, लेकिन हमारा पर्यटन तंत्र देश-विदेश से आए पर्यटकों को इन्हें नहीं दिखा सका।
इस विषय को लेकर स्थानीय संगठन आगरा डेवलपमेन्ट फाउन्डेशन द्वारा हाल ही में केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में आगरा के सभी दर्शनीय स्थलों तक पर्यटकों को खींचकर लाने के कई सुझाव दिए गए हैं।
Related Items
धन्वंतरि जयंती पर अब वीरान नजर आती है आगरा की प्रसिद्ध वैद्य गली
आगरा की धरोहरों पर संकट, सरकारी लापरवाही से अतिक्रमण का बढ़ा खतरा
इतने उदासीन क्यों हैं आगरा के जनप्रतिनिधि...!