पेशेवर उत्कृष्टता के उच्चतम शिखर पर वहीदा रहमान


सुप्रसिद्ध अभिनेत्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा। आशा पारेख, चिरंजीवी, परेश रावल, प्रसेनजीत चटर्जी और शेखर कपूर दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति का हिस्सा थे।

वहीदा रहमान ने ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘चौदहवी का चांद’, ‘साहेब बीवी और गुलाम’, ‘गाइड’, ‘खामोशी’ और कई अन्य प्रमुख हिंदी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए बेहद ख्याति अर्जित की है। पांच दशकों से भी ज्यादा लंबे अपने करियर में उन्होंने अपनी भूमिकाओं को बेहद कुशलता से निभाया। फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में उनकी उत्कृष्ट भूमिका के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

अंग्रेजी में पढ़ें : A woman who achieved the highest level of professional excellence with her hard work...

पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित वहीदा ने ऐसी भारतीय नारी के समर्पण, प्रतिबद्धता और शक्ति का दृष्टांत प्रस्तुत किया है, जो अपनी कड़ी मेहनत के बल पर पेशेवर उत्कृष्टता का उच्चतम स्तर हासिल कर सकती है।

बीते वर्षों में वहीदा रहमान ने वह मुकाम हासिल किया है, जो उनके दौर की बहुत कम अभिनेत्रियों को हासिल हुआ है। अपने अभिनय कौशल से वहीदा रहमान ने ढेरों पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने गाइड (1965) और नील कमल (1968) में अपनी भूमिकाओं के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार (1971) भी जीता और 1972 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। बाद में 2011 में उन्हें पद्म भूषण से अलंकृत किया गया।

वहीदा रहमान ने अपने पांच दशक से लंबे करियर में 90 से अधिक फिल्मों में काम किया है और एक बड़ी लोकप्रियता हासिल की है।



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