बारह बातें जो मुगल गार्डन को बनाती हैं बहुत खास


देश-दुनिया के लाखों लोगों को आकर्षित करने वाले मुगल गार्डन की अनेक विशेषताएं हैं। आइए जानते हैं -

•  प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मुगल गार्डन को आम नागरिकों के लिए खोलने का आदेश जारी किया था।

•  मुगल गार्डन का निर्माण साल 1928 में हुआ था। एडवर्ड लुटियंस ने इसकी रचना की।

•  मुख्य उद्यान के दोनों ओर उत्तरी और दक्षिणी सीमाओं पर ऊंचे तल पर लंबी क्यारियां हैं।

•  उद्यान में गुलाब की 150 प्रमुख प्रजातियां हैं जिसके कारण यह विश्व के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक माना जाता है।

•  इसमें बोन्न नुइट व ओलाहोमा जैसे गुलाब भी हैं जो कि कालेपन के नजदीक होते हैं। नीले रंगों में यहां पैराडाइज, ब्लू मून, लेडी एक्स हैं। यहां पर दुर्लभ हरा गुलाब भी मिलता है।

•  गुलाबों के नाम बहुत ही रोचक हैं। बहुत से भारतीयों के नाम पर भी यहां गुलाब हैं, जैसे मदर टेरेसा, अर्जुन, भीम, राजा राम मोहन राय, जवाहर, डॉ. बीपी पाल, जॉन एफ केनेडी और क्वीन एलिजाबेथ।

•  उद्यान में विभिन्न प्रकार के फूलों को इस तरह से रखा गया है कि वे एक सुसंगत, प्राकृतिक तथा मनोरम प्रभाव उत्पन्न कर सकें।

•  मौसमी फूलों की पौध को वर्ष में दो बार राष्ट्रपति के द्वारा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘एट होम’ के आयोजन की तैयारी के लिए रोपा जाता है जो कि केंद्रीय लॉन में आयोजित होते हैं।

•  सर्दियों के दौरान उद्यान ऐसे बहुत-सी वार्षिक प्रजातियों से भर जाता है। इनमें कैलेंडुला, एन्टिर्हनम्, एलिसम, डाइमोरफोथेसा, एस्सोलजिया, लार्क्सपर, जरबेरा, गोडेटिया व लिनारिया आदि शामिल हैं।

•  क्यारियों और उसके चारों ओर बहुत से शाकीय वार्षिक तथा द्विवार्षिक पौधे उगते हैं। ये क्यारियां लॉनों के कोनों पर अथवा पटरियों के साथ-साथ हैं।

•  इन क्यारियों के बीचों-बीच एक फव्वारा है जो कि अंदर की ओर गिरकर एक कुएं की शक्ल बनाता है। पश्चिम कोने पर दो बुर्ज हैं और पूर्वी कोने पर दो सुंदर ढंग से निर्मित संतरी चौकियां हैं।

•  दुर्लभ और आकर्षक गुलाबों के लिए प्रसिद्ध इस उद्यान में इस वर्ष ‘ग्रेस द मोनाको’ नाम का गुलाब खास होगा, इसे मोनाको के राजा एल्बर्ट द्वितीय ने यहां रोपा था।



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