फरह : पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म षती के अवसर पर नगला चन्द्रभान, पं. दीनदयाल धाम, फरह, मथुरा में दिनांक 26-29 सितम्बर, 2016 की अवधि में कृशि उन्नति मेले का आयोजन किया गया।
केन्द्रीय कृशि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह जी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक परिसर में सर्वप्रथम पंडित दीनदयाल उपध्याय को श्रद्धांजलि दी तथा उनके चित्र पर सुमन अर्पित किया। भारतीय कृशि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा मानकीकरण किया गया अपषिश्ट जल उपचार सयंत्र का षिलान्यास किया। इस सयंत्र से 75 हजार लीटर गंदे पानी को उपचारित कर मत्स्य पालन व सिंचाई के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है। यह तकनीक गाॅंव, कस्बा, षहर आदि क्षेत्रों में गंदे जल की समस्या का समाधान करते हुए कृशि सिंचाई के लिए विषेश योगदान कर सकेगा। कृशि मंत्री, भारत सरकार श्री राधामोहन सिंह जी ने आज दीनदयाल कृशि मेला का भी उद्घाटन किया तथा किसानों को सम्बोधित किया।
दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृशि पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि माननीय कृशि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार श्री राधामोहन सिंह जी ने दीनदयाल धाम के परिसर में भारी संख्या में उपस्थित कृशकों, युवाओं एवं महिलाओं को सम्बोधित किया। कृशि विज्ञान केन्द्र आगरा एवं मथुरा द्वारा 500 कृशकों को इस मेले में भ्रमण एवं ज्ञान अर्जित करने के लिए लगाया गया।
उन्होंने अपने भाशण में भारतीय कृशि को अत्यधिक लाभकारी तथा कृशकों को कृशि आधारित उद्यमों के प्रति आह्वान किया। उन्होने पंडित दीनदयाल जी के जीवन मूल्यों को वर्तमान में समाज में उभरती चुनौतियों के प्रति सजगता के लिए अनुरोध किया।
उन्होने जैवकि खेती, परम्परागत कृशि तकनीकों का उपयोग, कृशकों का बाजार से जुड़ाव, आधुनिक संम्प्रेशण तकनीकों से सूचना एवं ज्ञान की जानकारी आदि पर बल दिया।
महान दार्षनिक और विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राश्ट्र निर्माण करने और निर्धनतम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए समर्पित कर दिया था, के योगदान का सम्मान करने हेतु पूरे राश्ट्र में आयोजित किए जा रहे षताब्दी समारोहों के भाग के रूप में कृशि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद ने इस वर्श (2016) से पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृशि पुरस्कार (राश्ट्रीय और जोनल ) आरम्भ किया है। इसमें राश्ट्रीय स्तर पर एक लाख रूपये तथा 11 जोनल पुरस्कार (50 हजार रूपये) प्रषस्ति पत्र एवं प्रमाण पत्र प्रति वर्श दिए जाएंगे। यह पुरस्कार कृशि के एकीकृत और टिकाऊ माॅडलों का विकास करने वाले सीमांत, छोटे और भूमिहीन किसानों के सराहनीय योगदान का सम्मान करने के लिए आरम्भ किया गया है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृशि पुरस्कार 2016 मथुरा, उत्तर प्रदेष के कृशक श्री मोती को नई किस्मों के बीजों तथा रोपण सामग्री का उत्पादन करना और कम दरों पर अपने साथी किसानों को वितरण के उत्कृश्ट कार्य हेतु माननीय श्री राधामोहन सिंह जी, कृशि मंत्री, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
इसी कार्यक्रम में केन्द्रीय कृशि मंत्री माननीय श्री राधामोहन सिंह जी ने श्रीमती अंजम्मा, जिला मेडक, तेलंागना को बीज संरक्षण में उत्कृश्ट योगदान के लिए पौधा किस्म संरक्षण एवं कृशक अधिकार अधिनियम , भारत सरकार का ‘बीज संरक्षक’ पुरस्कार से सम्मानित किया।
श्रीमती अंजम्मा ने परम्परागत बीजों का बीज बैंक विकसित किया है जिसमें 80 से भी अधिक किस्में षामिल हैं। प्रत्येक से काम मांगने वाली एक भूमिहीन श्रमिक महिला आज बीज संरक्षण व विपणन से सम्पन्न महिला बन गई हैं।
पषुपालन, डेयरी व मत्स्य विभाग कृशि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अन्तर्गत कृशकों को डेयरी उद्यमी बनाने का कार्यक्रम नाबार्ड के साथ प्रारम्भ किया है। माननीय कृशि मंत्री जी ने 10 डेयरी उद्यमी को प्रषस्ति पत्र तथा 10 कृशकों को डेयरी उद्यम प्रारम्भ करने हेतु ऋण स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया ।
केन्द्रीय कृशि मंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृशक छात्रावास का षिलान्यास भी किया। यह कृशक छात्रावास केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, फरह, मथुरा में स्थित होगा, जहाॅं इस संस्थान में प्रषिक्षण प्राप्त करने आने वाले कृशकों को सुलभता से ठहरने की व्यवस्था हो सकेगी।
इस मेले में भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद के प्रमुख संस्थानों यथा भारतीय कृशि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, राश्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय कृशि मषीनरी संस्थान, भोपाल, कृशि विज्ञान केन्द्रों द्वारा उन्नत तकनीकों का प्रदर्षन किया गया है, जिससे कृशक गण लाभान्वित हो सकेंगे। इस दौरान कृशक संगोश्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें वैज्ञानिकों तथा कृशकों का सीधा सम्पर्क होगा और प्रष्नोत्तरी द्वारा कृशकों को परामर्ष भी प्राप्त हो सकेगा।
इस अवसर पर सचिव, डेयर एवं महानिदेषक त्रिलोचन महापात्र, भा.कृ.अ.प., नई दिल्ली, सचिव, पषुपालन, डेयरी एवं मत्स्य, देवेन्द्र चैधरी, उपमहानिदेषक, कृशि प्रसार डा. ए.के. सिंह, दीनदयाल धाम के संरक्षक बिहारी एवं अध्यक्ष जय प्रकाष अग्रवाल, संयुक्त सचिव (पषुपालन, डेयरी व मत्स्य) ए.जे.वी. प्रसाद व इं. रमेष तथा कृशि एवं किसान कल्याण मंत्रालय विषेश कार्य अधिकारी श्रीमती दुर्गा षक्ति नागपाल उपस्थित थे।