आपाधापी भरे इस युग में जन-सामान्य बहुत कुछ हासिल करने की चाह में मानसिक अशांति और शारीरिक व्याधियों को आमंत्रण दे रहा है। लेकिन, विकास की प्रक्रिया में साझीदार होना वक्त की आवश्यकता है पर अंधाधुंध दौड़ना शरीर और मन को देने वाली यंत्रणा है। 21 जून को विश्व अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जन-मानस में योग के प्रति जो सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हो रही हैं वे वास्तव में एक सुखद अनुभव है। भारत भूमि में वर्षों से योग प्रचालित रहा है और आज विश्व भी इसे मान्यता प्रदान कर रहा है। राजयोग एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसे शांत चित्त से कोई भी कर सकता है।
Related Items
सुशांत सिंह राजपूत करेंगे भीम एप्प का प्रमोशन
उत्साह, शांति, हिम्मत, समृद्धि और आशा के पांच दीये
मायावती के भाई आनंद पर IT जांच की तलवार, 7 साल में बीस गुना हुई संपत्ति