‘मुझे आज भी याद है वह गुब्बारा…’

हमारी दुनिया में मां को एक अहम दर्जा दिया गया है क्योंकि वह संतान को जन्म देने में होने वाली पीड़ा को झेलती है। लेकिन बच्चे की उचित ढंग से देखभाल करने और उसे संस्कारी बनाने में पिता का भी उतना ही योगदान होता है। जहां मां बच्चे को पैदा करती है तो पिता हमेशा ढाल बनकर उसकी रक्षा करता है... और आमतौर पर बच्चे के लिए पिता मुख्य प्रेरणास्रोत भी होता है।


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