मेरी आंखों से झरती नमीं होली है...

lathmarholli.jpgनंदगांव के हुरिहारे बरसाना की गोपिकाओं के साथ होली खेलने के लिए सजने लगे हैं। अपनी ढालों को सजाने लगे हैं। गोपिकाओं की लाठियों के प्रहार को सहने के लिए चिलम पीते हैं, भांग पीते हैं और हुक्के गुड़गुड़ाते हैं। ढोल-मंजीरों की ताल पर होली रसिया गाते बरसाना पहुंचते हैं।


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