जब देवता वृक्ष बन गए

मनुष्य का जीवन नश्वर है। सम्भवत: देव-दानवों का जीवन भी नश्वर रहा होगा, इसीलिए उन लोगों ने सागर का मंथन करके अमृत प्राप्त कर अमर हो जाने का संकल्प किया।

 

 

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