आदि कवि महर्षि वाल्मीकि कहते हैं कि ‘‘श्रीराम गंभीरता में समुद्र के समान तथा ऊंचाई में हिमालय के समान हैं।’’ सही अर्थों में, राम सत्य के विग्रह हैं। राम मर्यादाओं को टूटने नहीं देते। भारतीय स्त्रियां राम जैसा वर चाहती हैं। पिता आदर्श पुत्र चाहते हैं और भाई राम जैसा भाई चाहते हैं।
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