अंबानी की दावत उड़ाकर नेता अब कैसे करेंगे 'बकलोली'…!

भारत के सर्वाधिक धनाढ्य मुकेश अम्बानी के छोटे सुपुत्र अनंत अम्बानी का शाही पाणिग्रहण संस्कार 12 जुलाई को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। इस विवाह में देश व विदेश से आमंत्रित तमाम अतिथिगण शुभाशीष देने के लिए सम्मिलित हुए।

एक दिन बाद स्वागतोत्सव में 13 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस भव्य विवाह में उपस्थित होकर नवयुगल दम्पति को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। हम भी आयुष्मति राधिका एवं चिरंजीवी अनंत अम्बानी को सफल वैवाहिक जीवन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।

स्वतंत्रता से पूर्व शाही राजघरानों में अत्यधिक ऐश्वर्यपूर्ण ढंग से विवाह हुआ करते थे और भारत की निर्धन जनता अपने उदास, निराशापूर्ण नेत्रों से उन भव्य दृश्यों को निहारते तथा उस शाही विवाह में सम्मिलित अतिथियों की झूठन से अपनी क्षुधा शान्तकर प्रसन्नता का अनुभव करती थी। इस शादी के बहाने, एक बार फिर से वही दृश्य पुनर्घटित हुआ। भारत की जो 80 करोड़ निर्धन जनता, मोदी की ‘कृपादृष्टि’ से, नि:शुल्क अन्न प्राप्तकर अपनी क्षुधा शान्त कर रही है, वह इस भव्य विवाह के दृश्यों का अपने नेत्रों से उसी विवशता के साथ अवलोकन करते हुए रसास्वादन करती रही।

सूत्रों के अनुसार, इस विवाह में अम्बानी परिवार ने करीब छह हजार करोड़ रुपये की धनराशि का व्यय किया। इसमें मात्र निमन्त्रण पत्रों की ही कीमत करीब साढ़े छह लाख रुपये आंकी जा रही है। बताया जा रहा है कि सोने तथा चांदी के आवरणयुक्त, जो पान अतिथियों को पेश किए गए, उनकी कीमत भी करीब-करीब 6000 रुपये थी। अतिथियों को दो करोड़ रुपये कीमत की घड़ियां विदाई में भेंटस्वरूप प्रदान की गईं। अब यदि अतिथियों द्वारा भेंट स्वरूप दिए गए उपहारों की कीमत की गणना की जाए तो सम्भवतया विवाह का कुल व्यय 12 हजार करोड़ से भी अधिक हो सकता है।

अब इस अथाह धनराशि के व्यय के दूसरे पहलू पर भी यदि चिंतन किया जाए तो इतनी विशाल धनराशि से 12 एम्स अस्पताल व 24 मेडिकल कॉलेज खुल सकते थे और उनमें गरीब, असहाय जनता स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर, इस नवयुगल दम्पति को आशीष वचन दे सकती थी। दूसरी ओर, यहां यह तथ्य स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि गुजरात के इन धनाढ्य उद्योगपति मुकेश अम्बानी ने इस विवाह के साथ ही अपनी मोबाइल फोन सेवा के ‘जिओ प्लान‘ की कीमतों में काफी वृद्धि की है।

इस शाही विवाह की एक प्रमुख विशेषता यह भी थी कि इस विवाह में अतिथि के रूप में राजनीति के दोनों पक्ष अर्थात ‘एनडीए’ एवं ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं व धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया गया। समस्त नेताओं ने प्रसन्नतापूर्वक विवाह समारोह में उपस्थित होकर तथा परस्पर गले मिलकर अपनी हर्षाभिव्यक्ति की। चुनावी मंच पर इसी इंडिया गठबंधन के नेतागण, अम्बानी को पानी पी-पीकर कोस रहे थे। परन्तु, भारत के प्रथम उद्योगपति के विवाह समारोह में वही नेतागण शाही व्यंजनों का आंनद लेने से स्वयं को रोक नहीं सके।

अब देखना यह है कि इस भव्य विवाह आयोजन के शाही व्यंजनों का आनंद लेने के पश्चात, कम से कम, इंडिया गठबंधन के माननीय नेतागण उद्योगपति मुकेश अम्बानी के परिवार के विरुद्ध किस मुंह से अपनी वाचालता दिखा पाएंगे।

बहरहाल, हम सभी ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि यह नवयुगल दम्पति तथा उसका परिवार सदा प्रसन्न रहे, स्वस्थ रहे। दूधों नहाय, पूतों-फले। इस परिवार को कभी किसी की बुरी नज़र न लगे।

(लेखक आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और यहां व्यक्त सभी विचार उनके स्वयं के हैं)

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