हरियाणा चुनाव में जीत से भाजपा को मिली जरूरी संजीवनी

हरियाणा चुनाव के परिणामों से भाजपा को जरूरी संजीवनी मिल गई है। लोकसभा चुनाव में अनपेक्षित परिणामों के बाद से भाजपा लगातार दबाव में थी और हरियाणा के इन चुनावों में यह जीत पार्टी के लिए बहुत जरूरी थी।

ध्यान रहे, लगभग सभी एग्जिट पोल कांग्रेस की बड़ी जीत बता रहे थे। लेकिन, परिणाम पूरी तरह उलट आए। गौर से देखें तो ये चुनाव शुरू से ही बेहद मनोरंजक भी रहे। हरियाणा राज्य की चुनावी प्रक्रिया जैसे-जैसे अपने परिणामों की ओर अग्रसर हुई, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के मध्य चुनावी संघर्ष और अधिक रोचक होता चला गया।

चुनावी अधिसूचना के समय भाजपा, कांग्रेस, जजपा, इनेलो, आप व बसपा आदि पार्टियां अपनी विजयश्री का दावा कर रही थीं, परन्तु मतदान का समय निकट आते-आते मुख्य द्वंद्व केवल भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही रह गया।

इन दोनों पार्टियों के इतर सभी पार्टियों की भूमिका मात्र इन दोनों पार्टियों को क्षति अथवा लाभ पहुंचाने का ही रह गई। हरियाणा राज्य की जनता बहुत ही समझदार एवं परिपक्व है। उसने भाजपा की विगत 10 वर्षो की शासन प्रणाली को देखा और उसके श्रेष्ठ व त्रुटिपूर्ण कार्यो की समीक्षा के आधार पर अपने मत का निर्णय अपने विवेक के आधार पर करना निश्चित किया।

इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने विजयश्री को प्राप्त करने के लिए अपने-अपने सम्पूर्ण संसाधनों का प्रयोग किया। दोनों ही पार्टियों की ओर से 40-40 मुख्य प्रचारकों को उतारा गया। दोनों दलों ने अपने-अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी प्रचार के लिए आमंत्रित किया।

प्रारम्भ में आम आदमी पार्टी भी अत्यधिक स्फूर्ति के साथ इस चुनावी दंगल में उतरी थी। परन्तु, जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया अग्रसर हुई, वैसे-वैसे आप, भाजपा व कांग्रेस के समक्ष अपना अस्तित्व ढूंढने में लगी रही और उसे जनता से जिस सहयोग की अपेक्षा थी, वह नहीं मिल सका। अन्तत: यह चुनावी लड़ाई भाजपा व कांग्रेस के मध्य तक ही रह गई।

अब चुनावों के परिणाम सामने हैं। भाजपा को अप्रत्याशित सफलता मिली है और कांग्रेस अभी तक सन्न है। निश्चित रूप से कांग्रेस अपनी हार की वजहों को तलाश करेगी और भाजपा अब अपनी आगे की यात्रा की तैयारियां करेगी। अभी कछ महीनों पहले तक जहां भाजपा व मोदी नेतृत्व को श्रद्धांजलियां दी जा रही थीं, अब वही पार्टी भारतीय राजनीति की सिकन्दर कहलाएगी। 

(लेखक आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और यहां व्यक्त विचार उनके स्वयं के हैं।)



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