कोरोना से लड़ाई में पीछे नहीं है वाहनों के पीछे लिखी 'कोरोना शायरी'


"देखो मगर प्यार से…, कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से"..., जी हां…! ऐसी शायरी आपको भी कभी यूं हीं राह चलते किसी आती-जाती गाड़ी, ट्रक, टेम्पो या ऑटो के पीछे लिखी मिल सकती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि गाड़ियों के पीछे ऐसा प्रयोग किस लिए किया गया है? दरअसल, इसके पीछे का मनोविज्ञान यह है कि सफर करते वक्त हमारी नजरें इधर-उधर कई चीजों को देखती हैं, जिसमें सबसे खास होते हैं, आगे चल रहे वाहन और बगल में तेजी से गुजरती गाड़ियां...। इनको देखकर कई बार हमारे जेहन में कुछ अलग ख्याल भी आते हैं। फिर, यदि उन गाड़ियों पर कुछ लिखा हो तो हम अपने को अक्सर उसे पढ़े बिना नहीं रोक पाते हैं।

हमारी नजरें ट्रक, टेम्पो, या अन्य किसी गाड़ी के पीछे लिखी शायरी पर चली ही जाती है, जिसमें कि हम कई ऐसी शायरियां पढ़ते हैं, जो सामजिक जागरूकता का सन्देश देती हुई दिखाई देती हैं। कई बार राजनीति से प्रेरित शायरी भी पढ़ने को मिलती हैं, तो कुछ “दिल के अरमां आंसुओं में बह गए” जैसी भी। ऐसी किसी शायरी में ड्राइवरों का दर्द झलकता है तो कुछ में मौज मस्ती होती है। इनकी भाषा, शैली और अंदाज के कारण यह लोगों को गुदगुदाती भी हैं और लंबे समय तक याद भी रहती हैं। इसलिए, इन दिनों एक संस्था ने यह बीड़ा ही उठा रखा है कि वह वाहनों के पीछे प्रेरणा देने वाले शब्दों का लेखन कराती रहेगी।

यहां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की राजधानी में काम कर रही ''सर्च एंड रिसर्च डवलपेंट सोसायटी'' की, जो इन दिनों आम जन को जागरूक करने के लिए ट्रकों के पीछे 'कोरोना शायरी' लिखने का अभियान चला रही है। सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन बताती हैं कि ट्रक, बस, ट्रेक्टर-ट्रॉली जैसे वाहन गांव-शहरों से होते हुए पूरे देश में जाते हैं। इस तरह से लोगों को जागरूक करने के लिए एक बेहतर माध्यम हैं।

डॉ. मोनिका ने बताया कि दुर्भाग्य से भारत में अब भी कोरोना की वैक्सीन को लेकर अनेक तरह की भ्रांतियां, डर और संशय है। वैक्सीन से मौत होती है, नपुंसकता आती है, बांझपन आता है और इस तरह के अनेक भ्रम लोगों के मन में हैं। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि ऐसे भ्रमों को दूर कर लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने हेतु सभी तरह के प्रयास किए जाएं, ताकि सम्पूर्ण टीकाकरण से हमारा देश कोरोना महामारी से मुक्त हो सके हैं।

'सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी' ने कोरोना शायरी उसी रोचक और मौजी अंदाज में लिखी हैं, जैसी आप ट्रकों के पीछे पढ़ते हैं। इनमें अनेक भावों के साथ वैक्सीन लगवाने और मास्क का निरंतर उपयोग करने के संदेश हैं। कुछ इस प्रकार की हैं ये कोरोना शायरी --- 

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खूबसूरत हूं मुझे नजर न लगाना

जिंदगी भर साथ दूंगी, वैक्सीन जरूर लगवाना

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हंस मत पगली, प्यार हो जाएगा

टीका लगवा ले, कोरोना हार जाएगा

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टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगे, लापरवाही करोगे तो हरिद्वार मिलेंगे

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यदि करते रहना है सौंदर्य दर्शन रोज-रोज, तो पहले लगवा लो वैक्सीन के दोनों डोज

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टीका नहीं लगवाने से यमराज बहुत खुश होता है।

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चलती है गाड़ी, उड़ती है धूल

वैक्सीन लगवा लो वरना होगी बड़ी भूल

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बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला, अच्छा होता है वैक्सीन लगवाने वाला

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कोरोना से सावधानी हटी, तो समझो सब्जी-पूड़ी बंटी

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मालिक तो महान है, चमचों से परेशान है।

कोरोना से बचने का, टीका ही समाधान है।



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