मशहूर साहित्यकार और नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ एक बार किसी क्लब में अपना छाता भूल गए। अगले दिन जब उन्हें पूछताछ के बाद भी छाते का कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने क्लब के मुख्य कक्ष में एक सूचना लिखकर दीवार पर चिपका दी कि जो कोई भी कुलीन पुरुष मेरा छाता ले गए हों, कृपया मुझे वापस कर दें।
उनके एक मित्र ने यह पढ़कर उनसे पूछ ही लिया कि आपने छाता ले जाने वाले के लिए कुलीन पुरुष क्यों लिखा? यह तो बहुत भोंडा मजाक किया आपने?
बात को स्पष्ट करते हुए शॉ बोले कि क्लब की नियमावली में लिखा हुआ है कि कुलीन और शरीफ लोग ही इस क्लब के सदस्य हो सकते हैं। जाहिर सी बात है कि किसी शरीफ का यह काम नहीं हो सकता तो किसी कुलीन पुरुष ने ही ऐसा किया होगा।
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