टूरिस्ट सिटी आगरा आधुनिक युग की एक विकट समस्या से जूझ रहा है। सड़कें वहीं की वहीं, लेकिन वाहनों की संख्या आसमान छू रही है। घर में गैराज नहीं है, लेकिन हर परिजन के पास एक वाहन जरूर है।
अवैध पार्किंग, वास्तव में, अब एक बड़ा पेचीदा मसला बन चुका है। स्थानीय पुलिस, नगर निगम एजेंसियों और बाजार समितियों की ओर से सार्वजनिक पार्किंग पर स्पष्ट नीति के अभाव के कारण सड़कों पर अव्यवस्था फैल रही है। सड़कों का आकार तो बढ़ा नहीं है, लेकिन आगरा में वाहनों की संख्या बढ़कर दो मिलियन से ज्यादा हो गई है। इसके चलते, सड़क के किनारे और फुटपाथों पर घोर अतिक्रमण हो रहा है और यह एक भयावह परिदृश्य है।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य कहते हैं कि अस्पताल रोड, राजा की मंडी, वाटर वर्क्स क्रॉसिंग और एमजी रोड पर यह समस्या बहुत पहले से है। संजय प्लेस मार्केट पार्किंग से संबंधित विवादों का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां दुकानदार, ग्राहक और स्थानीय निवासी सीमित स्थान के लिए आपस में होड़ करते रहते हैं। फिलहाल, यह समस्या पूरे शहर को प्रभावित कर रही है। बढ़ते अतिक्रमण से पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों को सबसे ज़्यादा परेशानी होती है।
सार्वजनिक सड़कों पर पार्किंग करना एक सुविधाजनक विकल्प लग सकता है, लेकिन इसके गंभीर परिणाम होते हैं। अवरुद्ध सड़कें सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करती हैं। यातायात प्रवाह को बाधित होता है। संजय प्लेस के एक दुकान मालिक चतुर्भुज तिवारी कहते हैं कि आपातकालीन वाहन अवरुद्ध सड़कों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे जान जोखिम में पड़ जाती है।
इसके अलावा, सार्वजनिक सड़कों पर पार्किंग भीड़ और प्रदूषण को भी बढ़ावा देती है। सेंट पीटर्स कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अनुभव खंडेलवाल के अनुसार, ड्राइवर जगह की तलाश में समय और ईंधन बर्बाद करते हैं, जबकि खड़ी कारें सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता को कम करती हैं। आगरा ट्रैफ़िक पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती तो है, लेकिन परिणाम कभी भी स्थायी नहीं होते हैं।
राजनीतिक संरक्षण प्राप्त आसामाजिक तत्व सरकारी जगहों पर पार्किंग स्थल बनाते हैं और अवैध शुल्क वसूलते हैं। इससे अक्सर तनाव और विवाद पैदा होते रहते हैं।
यह भी देखा गया है कि खड़ी कारों के कारण नगरपालिका सेवाओं को सड़कों के रखरखाव और सफाई में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे सफाई और सुरक्षा कम हो जाती है। अधिवक्ता दीपक राजपूत का मानना है कि सार्वजनिक सड़कों पर पार्किंग से सामुदायिक कार्यक्रमों और सभाओं के लिए जगह सीमित हो जाती है, जिससे सामाजिक मेलजोल और सामुदायिक निर्माण में बाधा आती है।
इसका समाधान ऑफ-स्ट्रीट पार्किंग सुविधाओं जैसे ड्राइववे, गैरेज या निर्दिष्ट पार्किंग लॉट का उपयोग करना है। पार्किंग विकल्पों के बारे में जागरूक होकर, निवासी एक सुरक्षित, अधिक आनंददायक और सामंजस्यपूर्ण पड़ोस में योगदान दे सकते हैं।
अधिकारियों को इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए एक व्यापक पार्किंग नीति विकसित करनी चाहिए। निर्दिष्ट पार्किंग क्षेत्र, कुशल यातायात प्रबंधन और जन जागरूकता अभियान सार्वजनिक सड़कों पर दबाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जैसे-जैसे शहर पर्यटकों को आकर्षित करता है और बढ़ता है, पार्किंग की समस्या का समाधान करना और अधिक आवश्यक हो जाता है।
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