आइजक न्यूटन जितने बड़े वैज्ञानिक थे उतने ही हाजिरजवाब भी कम नहीं थे। बस एक सटीक वाक्य का बाण छोड़कर ही वह सामने वाले की बोलती बंद करके रख देते थे।
ऐसे ही एक दिन एक व्यक्ति ने न्यूटन के कोट के एक छेद की ओर इशारा करते हुए कहा कि ''न्यूटन साहब, इस छेद से आपकी निर्धनता बाहर झांक रही है।''
इस पर न्यूटन ने तपाक से जवाब दिया, ''जी नहीं!, यहां से आपकी मूर्खता अंदर प्रवेश कर रही है।''
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