गंगा नदी से जुड़ी पौराणिक कथाओं को यदि हम आधुनिक संदर्भों में देखें तो सबसे पहले महाराज सगर ने इसके लिए व्यापक कार्य किया। उसके बाद उनके पौत्र अंशुमान ने इस कार्य को आगे बढ़ाया, अंशुमान, राजा सगर की साठ हजार प्रजा लेकर सभी ओर इस पतित पावनी गंगा को भूमंडल पर खोज कर लाने का प्रयास करते रहे, जहां तक कि वे पृथ्वी को खोदकर पाताल लोक तक चले गए, लेकिन वे भी असफल रहे। इस आलेख को पूरा पढ़ने के लिए अभी 'सब्सक्राइब करें', महज एक रुपये में, अगले पूरे 24 घंटों के लिए...
Related Items
ट्रंप की नई साज़िश भारत के लिए शिकंजा है या सुनहरा मौक़ा!
भारत के पड़ोस में बढ़ती सियासी अस्थिरता
प्राइवेट सेक्टर बन चुका है भारत की अर्थव्यवस्था का धड़कता इंजन