भारत विश्व का एक प्रमुख, विशाल जनसंख्यायुक्त तथा वृहद क्षेत्रफल वाला देश है। यहां पर घटित कोई भी घटनाक्रम सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करता है। इसी प्रकार, भाजपा विश्व की सर्वाधिक वृहद राजनैतिक पार्टी है। पार्टी में घटित कोई भी घटना पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करती है और भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव इस साल में होना है।
जेपी नड्डा का कार्यकाल अब समाप्त हो रहा है। पिछले संसदीय चुनावों के समय उनके एक अचंभित करने वाले वक्तव्य ‘भाजपा को अब संघ के सहयोग की आवश्यकता नहीं’ ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। वह शायद यह ‘भूल’ गए थे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का संबंध पिता-पुत्र सदृश है। इससे उनको सभी ओर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
भाजपा के भावी अध्यक्ष के रूप में सम्भवतया संघ की वरीयता संजय जोशी या वसुंधरा राजे के लिए कही जा रही है। यदि इनमें से कोई भी भाजपा का अध्यक्ष बनता है तो पार्टी की धारा कुछ अलग होने की संभावना मानी जा रही है।
कहा जाता है कि इन दोनों नेताओं से मोदी के कुछ वैचारिक मतभेद हैं। संघ प्रमुख के हालिया वक्तव्यों से यह प्रतीत हो रहा है कि संघ अब मोदी की वर्तमान नीतियों में जनता हितार्थ कुछ परिवर्तन चाहता है। इसलिए, संघ का मानना है कि भाजपा में अब कठोर निर्णय लेने वाला अध्यक्ष हो।
मोदी अपनी 75 वर्ष की आयु को पूर्ण करने वाले हैं और उन्हीं का सिद्धान्त है कि 75 वर्ष के उपरान्त भाजपा नेताओं को सक्रिय राजनीति से अवकाश गृहण कर लेना चाहिए। सब जानते हैं कि वह अपने वचन पर दृढ़ रहने वाले व्यक्ति हैं। ऐसा लगता है कि वह अमित शाह अथवा योगी के लिए अपनी राजनीतिक विरासत से अवकाश प्राप्त करेंगे।
यदि संजय जोशी भाजपा का अध्यक्ष पद संभालते हैं तो सम्भवतया प्रधानमंत्री के रूप में उनकी प्रथम वरीयता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। हालांकि, यह कयास ही है, इसलिए यह देखना होगा कि किस नेता के सितारे अधिक बलवान हैं।
(लेखक आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और यहां व्यक्त विचार उनके स्वयं के हैं।)
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