कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई ‘सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो’

भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्‍थान, यानी एफटीआईआई, के छात्र चिदानंद नाइक की फिल्म ‘सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो’ को फ्रांस के 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के 'ला सिनेफ' प्रतिस्पर्धी खंड में चुना गया है।

फेस्टिवल का आयोजन 15-24 मई को होने जा रहा है। 'ला सिनेफ' इस फेस्टिवल का एक आधिकारिक खंड है, जिसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और दुनियाभर के फिल्म स्कूलों की फिल्मों की पहचान करना है।

Read in English: ‘Sunflowers were the first ones to know’ at 77th Cannes Film Festival

यह फिल्म दुनियाभर के फिल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत कुल 2,263 फिल्मों में से चुनी गई 18 शॉर्ट फिल्‍मों, 14 लाइव-एक्शन और चार एनिमेटेड फिल्मों, में से एक है। यह कान्स के 'ला सिनेफ' खंड में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म है। 23 मई को बुनुएल थिएटर में जूरी सम्मानित फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले एक समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार प्रदान करेगी।

‘सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो’ एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव का मुर्गा चुरा लेती है, जिससे समुदाय में अव्‍यवस्‍था फैल जाती है। मुर्गे को वापस लाने के लिए एक भविष्यवाणी लागू की जाती है, जिसमें बूढ़ी महिला के परिवार को निर्वासन में भेज दिया जाता है।

यह पहला अवसर है जब एकवर्षीय टेलीविजन पाठ्यक्रम के किसी छात्र की फिल्म को प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुना गया है।

एफटीआईआई की अनूठी अध्‍यापन कला तथा सिनेमा और टेलीविजन के क्षेत्र में शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह-शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप संस्थान के छात्रों और इसके पूर्व छात्रों ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहना बटोरी है।

एफटीआईआई की यह फिल्म टीवी विंग एक वर्षीय कार्यक्रम का निर्माण है, जहां विभिन्न विषयों यानी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी, संपादन, साउंड के चार छात्रों ने वर्षांत समन्वित अभ्यास के रूप में एक परियोजना पर एक साथ काम किया। फिल्म का निर्देशन चिदानंद एस नाइक ने किया है। फिल्मांकन सूरज ठाकुर ने किया है। संपादन मनोज वी ने किया है और ध्वनि मुद्रण अभिषेक कदम का है।

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