श्री दाऊजी महाराज आज से धरण करेंगें विशेष प्रकार से बनी रजाई
बलदेव। जनपद मुख्यालय से करीब बीस किलो मीटर दूर योगीराज भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज ब्रजराज ठा.श्री दाऊजी महाराज की नगरी में प्रतिवर्ष लगने वाला अगहन पूर्णिमा मेला प्रशासनिक सुविधओं के अभाव में आज मंगलवार से प्रारंभ हो जायेगा। अगहन पूर्णिमा मेला अब ब्रज में लक्खी मेला के नाम से ब्रज प्रसिद्व हो गया है। श्रीदाऊजी महाराज के भक्त व ब्रजवासी अगहन पूर्णिमा मेला को श्रीदाऊजी महाराज के नवीन मन्दिर की स्थापना के समय से जोर-शोर से मनाते चले आ रहे है। अगहन पूर्णिमा को गद्दल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन ठाकुर को विशेष रजाई उढ़ाई जाती है। इस बार मेला 13 दिसम्बर मंगलवार अगहन पूर्णिमा से प्रारंभ होकर पूरे एक माह तक चलेगा। जिसकी तैयारियाँ नगर पंचायत के द्वारा कछुआ गति से प्रारम्भ कर दी गई। बलदेव में लगने वाला मेला आगरा मंडल के साथ दूर दराज के जनपदों में भी कापफी ख्याति प्राप्त कर चुका है। परन्तु प्रशासनिक उपेक्षा के चलते मेला में जिला प्रशासन की ओर से प्रदर्शनी, रंगमंचीय कार्यक्रम न कोई शिविर लगाया जाता है। जो पूर्ण रूपेण ग्रामीण परिवेश से जुड़ा हुआ है। मेला में लोहे के बक्सा, पत्थर की सील, बटना, लकड़ी की मथानी व रोजाना प्रयोग में आने वाली ज्यादातर वस्तुयें मेला में अध्कि मात्रा में बिकती है, साथ ही मनोरंजन के लिये नौटंकी, ड्रास पाटी, काला जादू, मौत का कुआ, झूला, काला जादू आदि अनेक शो मेला में आते है। परन्तु प्रशासनिक सुविध न मिलने से नगरवासिओं के साथ बाहरी दुकानदारों में आक्रोश रहता है। बलदेव में लगने वाला मेला ठा.श्री दाऊजी महाराज के नवीन मन्दिर की स्थापना के समय से लग रहा है। परन्तु आज तक जनप्रतिनिध्ओिं की बेरूखी के कारण मेला के साथ ही बलदेव का विकास पिछड़ा हुआ है। मेला ठेकेदार कमल कुमार पाण्डेय ने कहा कि मेला का शुभारभ्भ आज दोपहर एक बजे से किया जायेगा।
मेला में होंगें सांस्कृतिक कार्यक्रम
बलदेव नगर पंचायत अध्यक्ष रामकृष्ण वर्मा ने बताया कि ब्रज के राजा ठा.श्री दाऊजी महाराज बलदेव के 436 वे प्राकट्य महोत्सव के अबसर पर नगर पंचायत द्वारा इस बार मेला में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें। साथ ही दुकानदार को बिजली,पानी,अलाव के साथ मिट्टी के तेल की भी व्यवस्था इस बार कराई जायेगी। मन्दिर में भी अगहन पूर्णिमा के अवसर पर श्री ठाकुर जी को विशेष श्रृगांर धरण कराये जायेंगे।
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