जवाहरबाग में था दस स्थाई चैकियों का कवच
मथुरा। जवाहरबाग काण्ड में पकड़े गये रामवृक्ष यादव के प्रमुख साथी हथियार सप्लायर एवं फाइनेंसर राजेश गुप्ता ने कई खुलासे आज मथुरा पुलिस के सामने किये हैं। किसी भी तरह के प्रशासनिक प्रयासों को विफल करने के लिये जवाहरबाग में दस स्थाई सुरक्षा चैकियों का कवच बना था। जहां सामान्य समय में दस लोगों की तैनाती फिक्स थी। वहीं किसी भी तरह के प्रशासनिक दबाव के समय यहां बीस लोग डण्डे व हथियारों के साथ लैस रहते थे जो किसी भी कार्यवाही पर जबाव देने व उठकर मुकाबला करने को पूरी तरह तैयार रहते थे। सुरक्षा कवच में इन चैकियों पर आठ-दस घंटे की डयूटी लगी रती थी। जवाहरबाग में लड़ाकू महिलाओं की बागडोर चंदन बोस की पत्नी पूनम संभालती थी। महिलाआंे को वह मानसिक रूप से हर वक्त हमले को तैयार रखती थी जिसके एवज में उन्हें सुनहरे सपने व अच्छा भविष्य दिखाया जाता था। महिलायें भी पूरी तरह आक्रामक प्रवृत्ति की बन चुकी थीं। मर्दों से मुकाबले से उन्हें जरा भी संकोच नहीं था। वहीं बात रही घरेलू महिलाआंे की तो उन्हंे पटखनी देने में उन्हें वक्त नहीं लगता था। तमंचा व्यवसाय के साथ राकेश का दोस्त जुड़ा था जो उसकी गाड़ी से तमंचों की खेप लेकर आता था।
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