दोनों हाथ न होने पर भी इस बैले डांसर ने नहीं मानी हार...


बिना बाहों के बैले नृत्यांगना बनने का सपना किसी अजूबे से कम नहीं हो सकता है। ब्राजील के एक दूरस्थ अंचल से निकलकर बैले नृत्य के जरिए सोशल मीडिया स्टार बनने तक का विटोरिया ब्यूनो का सफर किसी परी कथा से कम नहीं है। 

पहली बार विटोरिया ब्यूनो की मां जब उन्हें बैले क्लास लेकर गईं तो उनके मन में यह चिंता थी कि विटोरिया नृत्य कर पाएंगी भी या नहीं।

ब्राजील के ग्रामीण अंचल के एक छोटे से कस्बे से आने वाली विटोरिया के लिए उनकी दिव्यांगता ने उन्हें सामाजिक उत्सुकता का कारण बना दिया। विटोरिया कहती हैं कि उन्हें अपनी बाहों की जरूरत नहीं है। नृत्य के दौरान वह महसूस करती हैं कि उनकी दोनों बाहें उनके साथ मौजूद हैं।

विटोरिया कहती हैं कि उनके नृत्य से कई दिव्यांग लोगों को प्रेरणा मिलती है। वह अपनी दिव्यांगता से कहीं ज्यादा हैं, इसलिए दिव्यांगों को अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। विटोरिया के संघर्ष में उनकी मां हमेशा उनके साथ रही हैं। उनकी मां वांडा ब्यूनो कहती हैं कि विटोरिया को कई सामाजिक दुर्व्यवहारों का सामना करना पड़ा है। लोग सार्वजनिक जगह पर उनके आस्तीनों को उठाकर देखते थे। 

विटोरिया के प्रति लोगों के ऐसे व्यवहार को याद कर वह आज भी सिहर उठती हैं। 16 वर्षीय विटोरिया ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए दिन और रात एक कर दिया। उन्होंने अपने नृत्य की हर बारीकी को पूरी तन्मयता के साथ सीखा। एक तरह से उन्होंने खुद को बैले की लहरों के साथ झोंक दिया। 

फिलहाल, मिनाज चिराइज की रहने वाली विटोरिया अपनी प्रतिभा के दम पर सोशल मीडिया की स्टार बन चुकी हैं। उनके सौतेले पिता जोस कार्लोस कहते हैं कि कई ऐसे काम जो हम अपने हाथों से भी नहीं कर सकते विटोरिया वह काम अपने पैरों से कर लेती है। बैले के जरिए विटोरिया ने न केवल अपने सपनों को उड़ान दी है बल्कि बैले अभ्यास से मिली ताकत और लचीलेपन से अपने जीवन की कई अन्य दुश्वारियों को भी आसान बना लिया है।



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