होली का वास्तविक आनन्द तो ब्रज में ही है...

अबीर-गुलाल, संगीत और नृत्य से भरपूर पारम्परिक लोकोत्सव होली का वास्तविक आनंद ब्रज में ही मिलता है। वैष्णव देवालयों में एक माह से भी अधिक समय तक चलने वाले इस उत्सव में ठाकुर जी अपने भक्तों के साथ नित्य होली खेलते हैं।


Subscribe now

Login and subscribe to continue reading this story....

Already a user? Login



Related Items

  1. होली की रंगभरी मस्ती में पर्यावरण की फिक्र भी है जरूरी

  1. नरेंद्र मोदी के नाम ‘ब्रज’ की पाती, पुराने वादों की याद दिलाई

  1. होली के सात दिन बाद होती है कुत्ते की पूजा...!




Mediabharti