बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन की जरूरत पर कई बहसें होती रही हैं। समाज में एक वर्ग इसे बहुत जरूरी तो दूसरा वर्ग इसे गैर जरूरी मानता रहा है। भारत में परंपरावादी सामाजिक व्यवस्था के दबदबे के चलते परिवारों में सेक्स एजुकेशन से जुड़ी बातें करने से परहेज करने का चलन रहा है। कई वरिष्ठ डॉक्टर और मनोचिकित्सकों से बातचीत के आधार पर मीडियाभारती.इन की संपादकीय टीम ने एक सवाल-जवाब तैयार किया है। इसके जरिए कई मुश्किल सवालों के आसान जवाब ढूढने की कोशिश की गई है...
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