उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिले के भैसियां गांव में अप्रैल के अंतिम सप्ताह के दौरान नियमित रूप से आयोजित होने वाले टीकाकरण अभियान से एक दिन पहले 20 वर्ष की मुस्लिम महिला नूरजहां गांव की आंगनवाड़ी में युवा माताओं के साथ बैठक कर रही हैं। समुदाय से जुड़े होने के नाते नूरजहां माताओं के साथ आसानी से संवाद कायम कर लेती हैं। आज उनका जोर नवजात शिशुओं और पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण की महत्ता पर है। नूरजहां अधिक साफ-सफाई पर भी जोर देती हैं। माताएं अपनी गोद में बच्चे लिए ध्यान से नूरजहां की बातें सुनती हैं। बाद में पूछे जाने पर निरक्षर और अर्ध साक्षर माताएं विश्वासपूर्वक यह बताती हैं कि टीकाकरण क्यों जरूरी है, नवजातों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए इसका क्या महत्व है। नूरजहां पहले पल्स पोलियो अभियान में स्वयंसेवी के रूप में काम करती थीं और बाद में उन्हें कम्यूनिटी मोबिलाइजेशन को-ऑर्डिनेटर (सीएमसी) बनाया गया है।
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