भाजपा के दिल्ली दफ़्तर में 30 जनवरी को कई जाने-माने वकील इक्कट्ठा हुए, उद्देश्य था पांच फरवरी को भाजपा के लिए वोट की अपील करना। मौके पर मौजूद कई वकीलों ने अपने-अपने तरीके से अपने मन की बात रखी। सबका ध्यान इस ओर था कि दिल्ली में भाजपा का मत प्रतिशत बढ़े और पार्टी यहां बड़े अन्तर से जीत हासिल करे।
अब माना जा रहा है कि इस बैठक में ही बीजेपी की जीत चुनावों में लगभग तय हो गई थी। ध्यान रहे, बैठक के अगले दिन 31 जनवरी को आम आदमी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और फिर अगले दिन यानी 1 फरवरी को ये आठों विधायक गाजे-बाजे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इनमें से ज्यादातर विधायक पेशे से वकील थे। इनमें त्रिलोकपुरी से रोहित महरौलिया, जनकपुरी से राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, पालम से भावना गौड़, महरौली से नरेश यादव, आदर्श नगर से पवन शर्मा, ब्रिजवासन से बीएस जून व मादीपुर से गिरीश सोनी शामिल थे।
लेकिन, कमाल यहीं खत्म नहीं हुआ। पांच फरवरी को वोट पड़ गए और आठ फरवरी को मतगणना हो गई। परिणाम घोषित होने के बाद जब आखिरी चुनाव टैली सामने आई तो सब चौंक गए। इन आठों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की। त्रिलोकपुरी से रविकांत, जनकपुरी से आशीष सूद, कस्तूरबानगर से नीरज बसोया, पालम से कुलदीप सोलंकी, महरौली से गजेंद्र सिंह यादव, आदर्श नगर से राज कुमार भाटिया, ब्रिजवासन से कैलाश गहलोत व मादीपुर से कैलाश गंगवाल जीत गए।
इस बैठक में बीजेपी विधि संकाय प्रभारी अनिल सोनी का कहना था कि अन्ना हजारे के आन्दोलन से कई ‘आन्दोलन-जीवी’ तो निकले, मगर भ्रष्टाचार नहीं निकला। वहीं, भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने केजरीवाल के ‘शीश महल’ पर हमला बोलते हुए कहा कि शीश महल में आठ लाख के पर्दे व 72 एअरकंडीश्नर लगे हुए हैं। उनका कहना था कि आम आदमी पार्टी का एक भी विभाग ऐसा नहीं है, जिसमे भ्रष्टाचार नहीं हुआ। आप ने ही दिल्ली में आयुष्मान योजना को रोका। दिल्ली सरकार के लाख विरोध के बावजूद केन्द्र सरकार ने दिल्ली में कई कार्य किए। उन्होने सभी वकीलों से अपील की कि वे सब अपने रिश्तेदारों व मित्रों से कहें कि वे अपना वोट भाजपा को ही दें।
इस दौरान, भाजपा से जुड़े वकील गौरव भाटिया ने कहा था कि यमुना के ज़हरीली होने का कारण अरविंद केजरीवाल स्वयं है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के वादे को उन्होने गंगा जल की तरह पवित्र बताया और कोरोना काल में भाजपा द्वारा 280 करोड़ लोगों को टीके लगवाने की बात दोहराई। साथ ही, यह भी याद दिलाया कि ठीक उसी समय केजरीवाल शराब नीति बना रहे थे।
बैठक के अंत में विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कार्यकर्ताओं को यही मंत्र दिया कि वोटों का अन्तर बढ़ाकर भाजपा को भारी मतों से विजयी बनाना है।
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