अयोध्यावासियों की नजरों में अब ऐसी है अयोध्या...

अयोध्या : धार्मिक महत्व से जुड़ा होने के कारण पीढ़ियों से अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में आराधना का स्‍थल रही है। अयोध्या दुनियाभर में लाखों लोगों के लिए आध्यात्‍म का एक केन्‍द्र के रूप में कार्य करती रही है।

इधर, हाल के वर्षों में यहां एक असाधारण बदलाव देखने को मिला है। इसके तहत शहर की तकदीर बदली है और शहर की प्रगति और विकास का ताना-बाना विस्‍तार से बुना गया है। विकास संबंधी पहलों से सावधानीपूर्वक तैयार की गई योजना और उनके कार्यान्वयन ने शहर के पुनरुत्थान का मार्ग प्रशस्त किया है तथा संस्कृति और समृद्धि के प्रकाश स्‍तम्‍भ के रूप में इसका कायाकल्‍प कर दिया है।

अयोध्या में एक दुकान के मालिक राजेश कुमार गुप्ता ने मंदिर निर्माण के बाद समृद्धि की अपनी कहानी साझा की है। वह कहते हैं कि मंदिर निर्माण से पहले उनके सामान की मांग न के बराबर थी और आय भी बहुत कम थी लेकिन, हाल के दिनों में अयोध्या तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का केन्‍द्र बन गया है। इससे उनके सामान की पहले मांग बढ़ी और फिर उनकी आय में वृद्धि देखने को मिली। गुप्ता कहते हैं कि पहले वह प्रतिदिन केवल ₹300-400 कमाते थे, लेकिन भव्य राम मंदिर की घोषणा के बाद उनकी आय प्रतिदिन ₹1000-1500 हो गई है।

अयोध्या का कायाकल्‍प मंदिर परियोजना से भी आगे तक फैला हुआ है। जैसा कि अयोध्या निवासी श्याम लाल दास ने बताया। पास के सुलभ शौचालय परिसर की ओर भी इशारा करते हुए वह बताते हैं कि अयोध्या स्वच्छता का प्रतीक बन गया है। पहले की तुलना में अब आप स्वयं चमचमाती साफ-सुथरी सड़कें और साफ-सुथरे कूड़ेदान देख सकते हैं।

पवित्र सरयू नदी पर घाटों पर दिख रहे बदलावों का वर्णन करते हुए पलटू दास अखाड़े के संत आरके नाथ योगी ने बताया कि पहले घाटों की स्थिति अच्छी नहीं थी। लोगों को नदी तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन, अब हालात बेहतर हो गए हैं। नदी के आसपास एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है।



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