भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया पोलैंड व यूक्रेन की यात्राओं ने विदेश नीति विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। दरअसल, भारत के इस कूटनीतिक संतुलन को दुनिया द्वारा गुटबाजियों व दादागिरियों से मुक्त कराने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञ इसे एक ‘साहसिक रणनीति’ के रूप में देख रहे हैं, जो ‘देश के हितों को पहले’ रखने की सोच पर आधारित है।
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